भारत-बांग्लादेश तनाव के बीच BSF ने दिखाई मानवता, बांग्लादेशी महिला को मृत भाई के अंतिम दर्शन कराए

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सीमा पर इंसानियत की मिसाल
भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मानवीय पहल का एक उदाहरण पेश किया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की मुस्तफापुर सीमा चौकी पर BSF ने एक बांग्लादेशी महिला को उसके भारतीय भाई के अंतिम दर्शन कराने में मदद की।

कैसे हुआ यह आयोजन?
गंगुली गांव के पंचायत सदस्य ने BSF को सूचित किया कि गांव के निवासी अब्दुल खालिद मंडल का निधन हो गया है। मंडल की बहन, जो बांग्लादेश के सरदार बारिपोटा गांव में रहती हैं, ने अपने भाई को अंतिम बार देखने की इच्छा जताई। BSF के कंपनी कमांडर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (BGB) से संपर्क किया।

दोनों देशों की सहमति से, शून्य रेखा (इंटरनेशनल बॉर्डर) पर एक बैठक आयोजित की गई। वहां मंडल की बहन और अन्य परिजनों ने उन्हें अंतिम बार देखा। परिवार ने इस मानवीय पहल के लिए BSF और BGB दोनों का आभार व्यक्त किया।

BSF का बयान
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और जनसंपर्क अधिकारी एन के पांडे ने कहा,
“BSF के जवान न केवल सीमा की सुरक्षा में तत्पर हैं, बल्कि सीमावर्ती इलाकों के लोगों की मानवीय और सामाजिक आवश्यकताओं को भी पूरा करने का प्रयास करते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी का हिस्सा है।”

भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव
हाल के महीनों में भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ा है।

  • बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित उत्पीड़न और धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी से भारत में विरोध प्रदर्शन तेज हुए।
  • अगरतला में बांग्लादेशी वाणिज्य दूतावास पर हमला और हिंदू समुदाय के मुद्दों ने राजनयिक संबंधों में खटास ला दी है।

मानवता का संदेश
ऐसे तनावपूर्ण हालात के बीच BSF और BGB के इस कदम ने यह साबित किया कि मानवता की भावना दोनों देशों के बीच मौजूद है। इस पहल ने रिश्तों में सकारात्मकता लाने की एक नई उम्मीद पैदा की है।