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भारत में CAA लागू होने से घबराया अमेरिका, लोकतंत्र पर दिया ‘ज्ञान’, पाकिस्तान को भी लगी मिर्ची

नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू करने की अधिसूचना जारी होने के बाद अब यह पूरे देश में लागू हो गया है। विपक्ष CAA का विरोध कर रहा है. लेकिन इस बीच पाकिस्तान ने भी CAA को लेकर बयान दिया है.

पाकिस्तान ने सीएए को भेदभावपूर्ण बताया और कहा कि यह कानून लोगों को धर्म के आधार पर बांटता है. पाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा है कि भारतीय मुसलमानों को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA से उनकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा, “यह स्पष्ट है कि सीएए और इसके नियम भेदभावपूर्ण हैं क्योंकि वे लोगों को धर्म के नाम पर विभाजित करते हैं।”

उन्होंने कहा कि ये नियम इस गलत धारणा पर आधारित हैं कि मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है और भारत अल्पसंख्यकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है। मुमताज ने सीएए की आलोचना करते हुए कहा कि 16 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था जिसमें सीएए को समानता के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के खिलाफ बताया गया था।

उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि भारत के भीतर अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया जाएगा और सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी.

CAA पर अमेरिका ने क्या कहा?

भारत में CAA के नोटिफिकेशन के बाद अमेरिका ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने कहा कि वह सीएए अधिसूचना को लेकर चिंतित है और इस पर नजर रख रहा है। 

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, भारत ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना की घोषणा की, जिसे लेकर हम चिंतित हैं। इस कानून को कैसे लागू किया जाएगा इस पर हमारी पैनी नजर है. धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और कानून के तहत सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।