अमेरिका और रूस के बीच बदलते समीकरण वैश्विक राजनीति में नई दिशा तय कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका का रुख रूस के प्रति नरम हुआ है, जिससे यूरोप में चिंता बढ़ गई है। ट्रंप और पुतिन की बढ़ती करीबी के चलते यूक्रेन संकट को लेकर नए समीकरण बन सकते हैं, जिससे भारत सहित कई देशों पर असर पड़ सकता है।
अमेरिका-रूस के बदले समीकरण
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन की नीति पारंपरिक अमेरिकी सहयोगियों से दूरी और रूस से संबंध सुधारने की ओर इशारा करती है।यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के रुख को पुतिन के प्रभाव का नतीजा बताया है।यूरोपीय नेताओं को डर है कि यदि अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन छोड़ा, तो रूस और आक्रामक हो सकता है।
नाटो के लिए खतरा, रूस को फायदा
द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की नीतियां नाटो को कमजोर कर सकती हैं।अमेरिका यदि नाटो सहयोगियों की रक्षा से पीछे हटता है, तो रूस को पूर्वी यूरोप में अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिल सकता है।ट्रंप के यूक्रेन विरोधी रुख से रूस को फायदा होगा, क्योंकि वह प्रतिबंध हटाने और यूक्रेन को नाटो में शामिल न करने की बात कर चुके हैं।
भारत की कूटनीतिक स्थिति
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने यूक्रेन से रूसी सेना हटाने के प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहकर तटस्थ रुख बनाए रखा।भारत ने रूस को अपना अजीज मित्र बताया है, लेकिन यूक्रेन युद्ध पर उसका खुला समर्थन नहीं किया।पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों से मुलाकात कर युद्ध समाधान की वकालत की।
भारत को संभावित लाभ
-
रूस से व्यापारिक सहयोग बढ़ेगा
भारत और रूस के बीच 2023-24 में 65 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।रूस से सस्ता तेल खरीदने से भारत को आर्थिक लाभ हुआ।
-
चीन के खिलाफ रणनीतिक फायदा
ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने और सख्त नीतियों पर काम कर रहा है।रूस यदि अमेरिका के करीब आता है, तो चीन से उसकी दूरी बढ़ सकती है, जिससे भारत को रणनीतिक फायदा हो सकता है।
-
सैन्य और ऊर्जा सुरक्षा
अमेरिका और रूस के बीच संबंध बेहतर होने पर भारत को दोनों देशों से रक्षा और तकनीकी सहयोग मिल सकता है।रूस से सस्ते रक्षा उपकरणों की आपूर्ति जारी रहेगी और अमेरिका से सैन्य तकनीक साझा करने में आसानी होगी।रूस से गैस और तेल आपूर्ति सुनिश्चित होने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।