अमेरिका ने भारत को चुराई हुई प्राचीन वस्तुएं लौटाईं : अमेरिकी सरकार ने भारत के हित में एक अहम फैसला लेते हुए चोरी हुई 248 प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटा दी हैं। इस निर्णय से देश की सांस्कृतिक विरासत में वृद्धि हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, कई मूल्यवान कलाकृतियाँ अवैध रूप से या तस्करी करके भारत से बाहर ले जाई गई हैं।
पीएम मोदी के दौरे के दौरान अमेरिका ने लिया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था. इस बीच अमेरिकी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चोरी हुई 248 प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटा दी हैं. इन कलाकृतियों को वापस करने का निर्णय सांस्कृतिक संपत्ति की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है।
सांस्कृतिक विरासत की चोरी सभी देशों के लिए एक चुनौती है
सांस्कृतिक संपत्ति की बहाली का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय कानून में सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अक्सर ऐसा होता है कि युद्ध, तस्करी जैसी घटनाओं के कारण कुछ देशों की विरासत को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ विरासत को भी नुकसान पहुंचता है। जिसके कारण यह कानून सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। जहाँ तक भारत की बात है, देश की विरासत दशकों से असुरक्षित रही है, जिसके कारण कलाकृतियों की चोरी और अवैध निर्यात हो रहा है।
अमेरिका ने कलाकृतियां लौटाने का वादा किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में अमेरिका का दौरा किया था, इस दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने चोरी हुई 157 कलाकृतियां वापस करने का वादा किया था। पीएम मोदी ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था और इस दौरान अमेरिकी सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए 248 अतिरिक्त पुरावशेष वापस लौटाए हैं.