वाशिंगटन, 25 जुलाई (हि. स.)। अमेरिका ने भारत की यात्रा पर जाने वाले अपने नागरिकों को मणिपुर और जम्मू-कश्मीर के साथ भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों और देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी न जाने की सलाह दी गई है।
भारत के लिए संशोधित यात्रा परामर्श में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अपराध,आतंकवाद और नक्सलवाद के कारण भारत में अधिक सावधानी बरती जानी चाहिए। कुछ क्षेत्रों में जोखिम बढ़ गया है। कुल मिलाकर भारत को लेवल दो पर रखा गया है। लेकिन देश के कई हिस्सों को लेवल चार पर रखा गया है जैसे जम्मू और कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमा, मणिपुर और मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्से।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि आतंकवाद और नागरिक अशांति के कारण केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह को छोड़कर), सशस्त्र संघर्ष की आशंका के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर, नक्सलवाद, उग्रवाद के कारण मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों तथा हिंसा और अपराध के कारण मणिपुर की यात्रा ना करें।
परामर्श में नागरिकों को आतंकवाद और हिंसा के कारण पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की गई है। यात्रा परामर्श में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है। यौन उत्पीड़न जैसे हिंसक अपराध पर्यटक स्थलों और अन्य स्थानों पर हुए हैं। आतंकवादी कभी भी हमला कर सकते हैं। वे पर्यटक स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हैं।
विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिकी सरकार के पास ग्रामीण क्षेत्रों में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है। ये क्षेत्र पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिमी पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं। इसलिए अमेरिकी सरकार के कर्मचारियों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी।