मुंबई: आईटी एक्ट में संशोधन असंवैधानिक: बॉम्बे हाई कोर्ट

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी फर्जी सामग्री का पता लगाने के लिए तथ्य जांच इकाई की स्थापना सहित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में संशोधन को असंवैधानिक करार दिया और संशोधनों को रद्द करने का आदेश दिया।

उच्च न्यायालय ने माना कि संशोधन मौलिक संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। न्यायमूर्ति ए. एस। चंदुरकर को मामले को टाई-ब्रेकर जज के रूप में सौंपा गया था। न्यायमूर्ति चंदूरकर ने माना कि आईटी नियमों में संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। नियमों में सामग्री के संदर्भ में ‘झूठा, गलत और भ्रामक’ शब्द किसी सटीक परिभाषा के अभाव में अस्पष्ट और अस्पष्ट हैं। वह (अब सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति पटेल की राय से सहमत हैं। आईटी नियमों में संशोधन के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स और स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।