नेपाल में माओवादी सशस्त्र विद्रोह से संबंधित संशोधन विधेयक प्रतिनिधि सभा से पारित

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काठमांडू, 14 अगस्त (हि.स.)। नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से बुधवार को सत्य निरुपण तथा मेल-मिलाप आयोग संशोधन अधिनियम-2024 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विधेयक में 10 वर्षों के माओवादी सशस्त्र विद्रोह के दौरान माओवादी लड़ाकों द्वारा मारे गए लोगों और सुरक्षाबलों के परिवार वालों को घटना की प्रकृति के आधार पर मुकदमा चलाने का प्रावधान किया गया है।

संशोधन विधेयक को सदन में कानून, न्याय एवं संसदीय कार्य मंत्री अजय कुमार चौरसिया ने पेश किया था। विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले 10 दिनों में इस विधेयक को कानून में तब्दील करना है। यह विधेयक प्रतिनिधि सभा से पारित होने के बाद अब संसद के उच्चसदन राष्ट्रीय सभा में पेश किया जाएगा। राष्ट्रीय सभा से पारित होने के बाद यह प्रतिनिधि सभा में वापस आएगा और स्पीकर द्वारा प्रमाणित किए जाने के बाद यह विधेयक राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।

प्रतिनिधि सभा की कानून, न्याय एवं मानवाधिकार कानून समिति द्वारा विधेयक पारित करने से पहले तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों- नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएन (एमसी) के शीर्ष नेताओं के बीच विवादास्पद मुद्दों पर सहमति बनाई गई थी। कानून मंत्री चौरसिया ने कहा कि जिन घटनाओं में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है उनमें दोषियों को सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा सेना द्वारा भी उस अवधि में माओवादी लड़ाकों के साथ किए गए अमानवीय घटनाओं के खिलाफ मुकदमा चलाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि पीड़ित पक्ष की सहमति होने पर दोषियों पर मुकदमा नहीं चलाने का भी प्रावधान है।