हालांकि श्रावण में दुर्लभ गजकेसरी योग, राहु-केतु छठी राशि को परेशान करेंगे

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार के शुभ और अशुभ योग बनते हैं। इन्हीं में से एक है गजकेसरी योग। जब यह योग किसी व्यक्ति की कुंडली में होता है तो जातक को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और उसके धन में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति के एक साथ आने से गजकेसरी योग बनता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा 17 सितंबर को रात 11:07 बजे तुला राशि में प्रवेश करेगा और 20 सितंबर को सुबह 8:44 बजे तक वहीं रहेगा। इस दौरान गजकेसरी योग बन रहा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति और चंद्रमा की युति 180 डिग्री पर होती है। ऐसे में गजकेसरी योग बन रहा है। आमतौर पर यह योग बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन राहु ग्रह भी मेष राशि में है। वहीं केतु तुला राशि में विराजमान हैं। ऐसे में राहु-केतु की दृष्टि के कारण गजकेसरी योग का परिणाम कई राशियों के लिए अशुभ हो सकता है।

एआरआईएस

गजकेसरी योग मेष राशि वालों के लिए थोड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। मेष राशि के पहले घर में बृहस्पति और राहु होंगे और सातवें घर में चंद्रमा केतु के साथ होगा। ऐसे में इस राशि के जातकों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में जीवन में कुछ उथल-पुथल हो सकती है। मन थोड़ा परेशान हो सकता है। दांपत्य जीवन में भी कुछ परेशानी आ सकती है।

तुला

पहले घर में चंद्रमा और राहु और सातवें घर में राहु और बृहस्पति मेष राशि में शामिल होते हैं। कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। कानूनी मामलों में थोड़ी परेशानी हो सकती है। सेहत को लेकर भी आपको सावधान रहने की जरूरत है। अनावश्यक खर्चों से आप परेशान हो सकते हैं।

धन

इस राशि के 5वें और 11वें भाव में गजकेसरी योग बन रहा है। लेकिन इस पर राहु-केतु की छाया होने से इस राशि के लोगों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। व्यापार में आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है। नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।