’10 दिन में बागेश्वर धाम के सभी दुकानदार लगाएं नेमप्लेट वरना…’, धीरेंद्र शास्त्री का अल्टीमेटम

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नेम प्लेट विवाद: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह बागेश्वर धाम में स्थित दुकानों पर नेम प्लेट लगाने को कहा है. कथावाचक ने कहा कि धाम में सभी दुकानों और होटलों के बाहर मालिक का नाम लिखना जरूरी है और यह अच्छी बात है. हमें अपने पिता का नाम लिखने में क्या परेशानी है. इस कार्य की सराहना की जानी चाहिए. 

बता दें कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कावड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का कारोबार करने वाले होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों, रेहड़ी-पटरी वालों को साइनबोर्ड लगाने और नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है. मालिक का. इसी के मद्देनजर अब मध्य प्रदेश में भी इसके तहत नियम बनाने की मांग हो रही है. हालांकि यह नियम बागेश्वर धाम में भी लागू किया जा रहा है. धाम समिति की बैठक में पीठाधीश्वर इस पर मुहर लगाएंगे। 

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बयान के बीच में कहा, हमें न राम से दिक्कत है, न रहमान से दिक्कत है. हमें कैलेनेमिया की समस्या है. इसलिए अपनी दुकान के बाहर नेम प्लेट लगाएं, ताकि आने वाले भक्तों का धर्म और पवित्रता भ्रष्ट न हो. उन्होंने कहा कि हमारा आदेश है कि बागेश्वर धाम के सभी दुकानदार 10 दिन के अंदर नेम प्लेट लगा लें अन्यथा ध्यान समिति की ओर से कानून के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी.

यूपी की मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली सभी खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था. कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विवादास्पद आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया. कई विपक्षी नेताओं ने इस आदेश पर आपत्ति जताई और इसे भेदभावपूर्ण बताया. कांग्रेस ने इस आदेश को शरारत और पक्षपात करार दिया. 

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की सभी दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने के राज्य सरकार के आदेश को विभाजनकारी एजेंडा करार दिया। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के इस आदेश के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मोइत्रा ने अपनी याचिका में दोनों राज्य सरकारों द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह के आदेश से समुदायों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है।

योग गुरु रामदेव ने रविवार को कावड़ मार्ग पर स्थित होटलों, रेस्तरां और ढाबों के बाहर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि अपना परिचय देने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। हरिद्वार में रामदेव ने कहा कि हर किसी को अपने नाम पर गर्व है और इसे छिपाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि जब रामदेव को अपनी पहचान दिखाने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को दिक्कत क्यों होनी चाहिए.