बेमेतरा, 10 मई (हि.स.)। आरएसव्ही कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया बेमेतरा में शुक्रवार को अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय, बेमेतरा के प्रक्षेत्र पर परंपरागत विधि से पूजा अर्चना और माटी पूजन करके, अक्ती तिहार की शुरुआत की गई।
माटी पूजन एवं बीज संस्कार का कार्य डॉ. संदीप भंडारकर अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय बेमेतरा द्वारा किया गया। जिसकी शुरुआत उन्होंने खेत में रागी, धान, बरसिंम बीज की बुवाई करके किया। माटी पूजन कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. यू.के.धु्रव एवं डॉ. असित कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने अपने उद्बोधन में कहा कि अक्ती तिहार छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्यौहार है। अंचल में अक्ती तिहार से खेती किसानी प्रारंभ हो जाता है एवं किसान बीज अंकुरण की शुरूवात इसी दिन से करते हैं। यह त्यौहार हमें अपनी माटी और संस्कृति से जोड़ता है, अपने इतिहास और समाज से जोड़ता है, इसलिए परंपरागत त्यौहार को नहीं भूलना चाहिए। इस दिन का मंचिय आयोजन इस दिन की महत्ता बताने का एक अच्छा अवसर है। जिसमें किसान माटी पूजन देवता पूजन एवं बीज जमाने का कार्य करते हैं। उन्होंने सामुहिक बीज बैंक का महत्व बताया एवं छात्र-छात्राओं को पारंपरिक बीज संग्रहण के लिए प्रेरित किया। भले ही हम आधुनिक युग के भौतिक प्रपंचों में उलझकर परंपराओं को छोड़ रहे हैं, परंतु इस परंपरा का निर्वहन भी हमें अपनी माटी से जोड़ता है।
इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा बेमेतरा क्षेत्र के धान्य एवं लघु धान्य फसलों एवं अक्ती तिहार में बीजों के महत्व जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान/भाषण प्रस्तुत किया गया। साथ-साथ कृषि महाविद्यालय के छात्राओं द्वारा अनाज, फल, सब्जी एवं रंगों का उपयोग करके रंगोली भी बनाया गया। इस कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय बेमेतरा के सहायक प्राध्यापक डॉ. उमेश कुमार ध्रुव, डॉ. असित कुमार, डॉ. भारती बघेल, डॉ. प्रीति पैंकरा, डॉ. साक्षी बजाज, प्रतिभा सिंह एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित थे।