मुरादाबाद, 28 मार्च (हि.स.)। अखिलेश यादव या तो मुझे टिकट देते नहीं और जब टिकट दे दिया था तो वापस लेते नहीं। इसमें मेरी बेइज्जती हुई है। मेरे लिए पार्टी बड़ी है, मेरी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है, यदि पार्टी को नुकसान होगा तो मेरी नाराजगी है। यह बातें समाजवादी पार्टी के संसदीय दल के नेता व मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा के सिंबल पर नामांकन कराने वाले डॉ एसटी हसन ने सपा से टिकट कटने के बाद मीडिया से बात करते हुए कही।
मुरादाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर मौजूदा सांसद व सपा संसदीय दल के नेता डॉ एसटी हसन ने मंगलवार को नामांकन कराया था। वहीं बुधवार को बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा ने सपा के सिंबल से मुरादाबाद लोकसभा से नामांकन कराया। इसके बाद मुरादाबाद लोकसभा से रुचि वीरा को समाजवादी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
गुरुवार को डॉ एसटी हसन ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मुझे टिकट देकर नामांकन कराने के लिए कहा था और मुझे यहां के लिए अधिकृत किया था। मैंने उनके आदेशानुसार अपना नामांकन कर लिया था लेकिन किसी दबाव में आकर अखिलेश यादव ने मेरा टिकट कैंसिल कर दिया और रुचि वीरा को अधिकृत कर दिया।
सपा सांसद ने कहा कि अखिलेश यादव के संस्कार पूरी दुनिया के लोग जानते हैं। उनका बचपन जिन लोगों की गोद में बीता, जिनकी गोद में खेलकर वह बड़े हुए उनका सम्मान कभी भी करना नहीं छोड़ते हैं चाहे भले ही नुकसान हो जाए।
सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि आजम खान साहब ने मुझे वर्ष 2019 में टिकट दिलाया था मैं उनका एहसानमंद हूं और अब उन्होंने ही मेरा टिकट कटवा दिया हिसाब बराबर हो गया। अखिलेश यादव ने 2 दिन पहले मुझसे कहा था आप चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने उसके एफर्ट्स भी करें। जो एफर्ट्स करे थे वह मुझे समय से नहीं मिले जब मिले तो 3 बजकर 2 मिनट हो चुके थे। बाहरी नेताओं ने एक लखनऊ से आए नेता को हाईजैक कर लिया और टाइम निकलवा दिया।
डॉ एसटी हसन ने कहा कि बीते 10 वर्षों में देश का जो माहौल है और यहां के लोग जो परेशानियां झेल रहे हैं उसके जवाब में वह इंडिया गठबंधन को वोट देंगे। किसी प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे मैं सपा का कार्यकर्ता हूं। अखिलेश यादव मेरे नेता हैं जो आदेश देंगे उसका अवश्य पालन होगा शिवाय मुरादाबाद में प्रचार करने के। मैं मुरादाबाद में सपा प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं कर पाऊंगा इसका कारण है जिन लोगों ने मेरे लिए रोजे माने, कुरान खान की, मंदिरों में प्रार्थनाएं की अगर मैं उनका (रुचि वीरा) प्रचार करूंगा तो वह लोग टूट जाएंगे।