अखिल भारतीय धर्म प्रचार सेवा समिति का आस्था केन्द्रो पर सामूहिक पाठ का अभियान पिछले 13 महीनो से लगातार जारी

D0106448fb33a956561ce98ea4394b08 (3)

जम्मू, 27 नवंबर (हि.स.)। देश में युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव को देखते हुए अखिल भारतीय धर्म प्रचार सेवा समिति पिछले कई वर्षों से युवा पीढ़ी को बचाने के लिए दिन-रात एक करते हुए एक अहम भूमिका निभा रही है। युवा पीढ़ी की दशा और दिशा को ध्यान में रखते हुए, भारत में आस्था केंद्रों पर संस्कारों को प्रमुखता देने के उद्देश्य से समिति ने लगभग 13 महीने पहले “सामूहिक श्रीराम स्तुति एवं हनुमान चालीसा पाठ” अभियान प्रारंभ किया।

अखिल भारतीय धर्म प्रचार सेवा समिति ने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छन्नी हिम्मत के गौरीशंकर मंदिर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय संयोजक सुनील शर्मा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में अयोध्या से पधारे विद्वान मनोज द्विवेदी उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, युवाओं एवं महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने “हे प्रभु आनंददाता, ज्ञान हमको दीजिए” प्रार्थना गीत गाकर माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद, सभी ने एक स्वर में “श्रीराम स्तुति” का पाठ किया और उसके उपरांत “हनुमान चालीसा” का पाठ हुआ। भगवान को भोग अर्पित करने के बाद सामूहिक आरती का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए राष्ट्रीय संयोजक सुनील शर्मा ने कहा कि समिति इससे पहले भी निःशुल्क “श्रीमद्भगवद्गीता वितरण अभियान,” “गंगाजल वितरण अभियान,” श्रीमद्भगवद कथा, संत सम्मेलन, और समाज उत्थान के लिए अनेक राष्ट्रीय कार्यों का सफलतापूर्वक आयोजन करती आ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दुर्गा अष्टमी से समिति ने यह प्रयास आरंभ किया कि “श्रीराम स्तुति एवं हनुमान चालीसा” का आयोजन भारतवर्ष के हर मंदिर में किया जाए। यह प्रयास अगली पीढ़ियों को अच्छे संस्कार देने और भारत को विश्वगुरु के पद पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। समिति का यह संकल्प तब तक जारी रहेगा, जब तक जम्मू जिले के सभी मंदिरों में यह कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित न हो।