पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ देखने के बाद कुछ बड़े सवाल उठाए हैं। इस ऐतिहासिक फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन और संघर्ष को दिखाया गया है। आकाश चोपड़ा ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए सवाल किया कि हमें इतिहास में उनके बारे में क्यों नहीं पढ़ाया गया?
आकाश चोपड़ा का सवाल: “अकबर महान, औरंगजेब का नाम अमर, लेकिन संभाजी महाराज का जिक्र तक नहीं?”
फिल्म देखने के बाद आकाश चोपड़ा ने लिखा:
“आज ‘छावा’ देखी। बहादुरी, निस्वार्थता और कर्तव्य की भावना की अविश्वसनीय कहानी। असली सवाल – हमें स्कूल में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में क्यों नहीं पढ़ाया गया? कहीं भी उनका जिक्र तक नहीं है। हालांकि, हमने यह जरूर पढ़ा कि अकबर एक महान और न्यायप्रिय सम्राट था और दिल्ली में औरंगजेब रोड नामक एक बहुत ही प्रसिद्ध सड़क भी है। ऐसा क्यों और कैसे हुआ?”
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छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी पर बनी है ‘छावा’
यह फिल्म प्रसिद्ध किताब ‘छावा’ से प्रेरित है, जिसमें भारत के महान योद्धाओं में से एक, छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी दर्शाई गई है। हालांकि, फिल्म उनके पूरे जीवन पर विस्तृत चर्चा नहीं करती, लेकिन इसमें उन महत्वपूर्ण क्षणों को उजागर किया गया है, जो उन्हें स्वराज और हिंदवी साम्राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
फिल्म में:
- विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है।
- रश्मिका मंदाना उनकी पत्नी का किरदार निभा रही हैं।
- अक्षय खन्ना ने मुगल सम्राट औरंगजेब की भूमिका अदा की है।
- आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, डायना पेंटी और विनीत कुमार सिंह भी अहम भूमिकाओं में हैं।
बॉक्स ऑफिस पर ‘छावा’ की जबरदस्त कमाई
यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है और दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रही है।
- पहले वीकेंड में ही 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली।
- रविवार को अकेले 48 करोड़ रुपये का शानदार कलेक्शन किया।
- हालांकि, सोमवार को वीकडेज की वजह से गिरावट आई और कमाई आधी रह गई।
- अब तक फिल्म 140.50 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है और नए रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रही है।
क्या इतिहास में बदलाव की जरूरत है?
आकाश चोपड़ा के सवाल ने इतिहास की किताबों में दी गई जानकारी पर एक नई बहस छेड़ दी है। यह पहली बार नहीं है जब किसी ने यह मुद्दा उठाया हो कि हमारे स्कूलों में भारत के योद्धाओं और शासकों के बारे में अधूरी जानकारी दी जाती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बहस का क्या असर पड़ता है और क्या छत्रपति संभाजी महाराज जैसे वीर योद्धाओं को इतिहास में उचित स्थान मिल पाता है या नहीं।