दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा, AIMIM ने दिए संकेत

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दिल्ली दंगों में विवादों का केंद्र रहे शाहरुख पठान को चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई द्वारा शाहरुख पठान के परिवार से मुलाकात के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी उन्हें सीलमपुर विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है। हालांकि, AIMIM ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

शाहरुख पठान: दंगों का पोस्टर बॉय

फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान शाहरुख पठान उस समय सुर्खियों में आया, जब वह हथियार लहराते और एक पुलिसकर्मी पर पिस्टल ताने हुए दिखा। इस घटना की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गई थीं, जिसके बाद से उसे दंगों का “पोस्टर बॉय” कहा जाने लगा।

  • वर्तमान स्थिति:
    शाहरुख पठान फिलहाल जेल में बंद है और उसके खिलाफ मामला लंबित है।
  • AIMIM की संभावित रणनीति:
    पार्टी उसे वोट बैंक को मजबूत करने और मुस्लिम समुदाय के समर्थन को बढ़ाने के लिए उम्मीदवार बना सकती है।

शोएब जमई की मुलाकात और बयान

AIMIM के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने हाल ही में शाहरुख पठान के घर जाकर उसकी मां से मुलाकात की।

  • उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा:

    “जेल में बंद शाहरुख पठान के घर पर उनकी मां से मुलाकात हुई। हमारा डेलिगेशन उनके परिवार से हालात और कानूनी सहायता के सिलसिले में बातचीत कर रहा है। यह इंसाफ की मुहिम में एक छोटा कदम है, जो उन परिवारों को हौसला देगा, जिनके बच्चे बिना ट्रायल के जेल में बंद हैं।”

  • जमई का आरोप:
    शाहरुख पठान की मां ने दावा किया कि उनके बेटे को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर फंसाया गया है।

AIMIM की दिल्ली में राजनीतिक योजना

AIMIM दिल्ली में 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।

  • सीलमपुर सीट:
    शाहरुख पठान को इस सीट से टिकट दिए जाने की चर्चा है।

    • पार्टी की स्थिति:
      जमई ने कहा कि सीलमपुर से एक मजबूत उम्मीदवार की आवश्यकता है, क्योंकि AAP और कांग्रेस के कई नेता पाला बदल चुके हैं।
    • हाईकमान का निर्णय:
      टिकट को लेकर अंतिम फैसला AIMIM हाईकमान करेगा।

ताहिर हुसैन को पहले मिला टिकट

AIMIM पहले ही दिल्ली दंगों के एक और आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दे चुकी है। ताहिर पर दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और साजिश रचने के गंभीर आरोप हैं।

  • ताहिर और शाहरुख जैसे नामों को चुनावी मैदान में उतारने से AIMIM का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करना और विवादों को अपने पक्ष में भुनाना हो सकता है।

चुनाव पर प्रभाव और विपक्ष का रुख

  • राजनीतिक समीकरण:
    अगर शाहरुख पठान को टिकट मिलता है, तो यह दिल्ली की राजनीति में विवाद और ध्रुवीकरण को और बढ़ा सकता है।
  • विपक्ष का रुख:
    AAP और कांग्रेस ने AIMIM के इन कदमों की आलोचना करते हुए इसे विवादास्पद और भड़काऊ राजनीति करार दिया है।

सवाल जो उठ रहे हैं

  • क्या एक आरोपी को चुनावी मैदान में उतारना न्याय और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है?
  • क्या यह कदम AIMIM के वोट बैंक को बढ़ाने के लिए एक सियासी दांव है?
  • क्या इस तरह की राजनीति से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है?

निष्कर्ष

AIMIM का शाहरुख पठान को टिकट देना न केवल दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल भी खड़ा करता है। पार्टी का यह कदम समर्थन बढ़ाने और ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा हो सकता है। अब देखना यह है कि हाईकमान इस पर क्या फैसला लेता है और विपक्षी दल इसे कैसे भुनाते हैं।