
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी के साथ गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म का दौरा किया। वे फसलों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और अत्यंत मुलायम एवं उपजाऊ मिट्टी से प्रभावित हुए। इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती के विस्तार और निगरानी के लिए राष्ट्रीय समिति के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर भी समितियां गठित की जाएंगी, जो डीडीओ के माध्यम से सरकार को जैविक खेती की प्रगति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी द्वारा शुरू किया गया प्राकृतिक कृषि मिशन अब राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के रूप में जन-आंदोलन का रूप ले रहा है। इस अभियान के माध्यम से देश के किसान न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगे, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होगा, मित्र जीवों की रक्षा होगी और 50 प्रतिशत तक पानी की बचत होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित करने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी को ‘कृषि ऋषि’ की उपाधि से सम्मानित करते हुए कहा कि आचार्य देवव्रत जी ने मानवता के हित में प्राकृतिक खेती को एक मिशन के रूप में आगे बढ़ाया है, जिसके कारण कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव हो पाए हैं।
गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता के लिए अत्यधिक प्रशंसा
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी के साथ खेत पर गेहूं, चना, गुड़ और सरसों की मिश्रित कृषि प्रणाली देखी और इसकी गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक खेती का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग के बिना भी उत्तम उपज प्राप्त की जा सकती है। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती फार्म में ड्रैगन फ्रूट, सेब और खजूर की बागवानी देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। हरियाणा की धरती पर सेब और खजूर की खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन आचार्य देवव्रत जी के मार्गदर्शन में यह अद्भुत कार्य संभव हो पाया है।
खांडसारी बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया का अवलोकन किया
गुरुकुल फार्म के कोल्हू पर शिवराज सिंह चौहान और आचार्य देवव्रत जी ने स्वयं गन्ना पेराई की तथा गुड़, चीनी और खांडसारी बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने गरम गुड़ का स्वाद चखा और इसकी शुद्धता व गुणवत्ता की सराहना की। इस अवसर पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्यामसिंह राणा, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, संयुक्त सचिव फ्रैंकलिन एल. खोबांग, पूर्ण चंद्र कृष्ण, उप सचिव रचना कुमार, डॉ. गगनेश शर्मा, प्रसिद्ध प्राकृतिक कृषि विशेषज्ञ डॉ. हरिओम, डा. बलजीत सहारन, डा. राजेन्द्र विद्यालंकार सहित कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ मौजूद थे।मंत्री शिवराजसिंह चौहान आचार्य देवव्रतजी, गुरुकुल अध्यक्ष राजकुमार गर्ग, उपाध्यक्ष मा. सतपाल कंबोज, निदेशक ब्रि. डॉ। प्रवीण शर्मा, डा. राजेंद्र विद्यालंकार, डॉ. हरिओम, डा. बलजीत सहारण, रामनिवास आर्य आदि ने मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।