चालान काटने के बाद भी नहीं भरा मन, आगरा पुलिस ने कार चालक को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में पुलिस की छवि सुधारने की लाख कोशिशों के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती हैं, जो पूरे विभाग पर सवाल खड़ा कर देती हैं. ताज़ा मामला ताजनगरी आगरा का है, जहाँ चालान काटने के बाद भी पुलिस का 'गुस्सा' शांत नहीं हुआ और उन्होंने एक कार चालक की सरेआम पिटाई कर दी. यह पूरी घटना किसी ने अपने कैमरे में कैद कर ली और अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है.
क्या है पूरा मामला?
घटना आगरा के व्यस्त एमजी रोड की है. बताया जा रहा है कि एक कार चालक अपनी गाड़ी सड़क किनारे खड़ी करके किसी काम से गया हुआ था. इसी दौरान वहाँ ट्रैफिक पुलिस की क्रेन पहुँच गई. क्रेन ड्राइवर जैसे ही कार को उठाने लगा, कार का मालिक भागता हुआ वहाँ आ गया.
कार मालिक और पुलिसकर्मियों के बीच गाड़ी हटाने को लेकर बहस शुरू हो गई. पुलिस ने कार का ऑनलाइन चालान काट दिया. आमतौर पर मामला यहीं खत्म हो जाना चाहिए था. लेकिन यहाँ से तो असली 'एक्शन' शुरू हुआ.
पहले थप्पड़, फिर दौड़ाकर पिटाई
चालान कटने के बाद भी कार चालक और पुलिस के बीच कहासुनी चलती रही. वीडियो में साफ दिख रहा है कि बहस के दौरान एक पुलिसकर्मी अपना आपा खो बैठता है और कार चालक को एक जोरदार थप्पड़ जड़ देता है.
बस फिर क्या था, मामला और बिगड़ गया. जब कार चालक ने इसका विरोध किया, तो दूसरा पुलिसकर्मी भी उस पर टूट पड़ा. वीडियो में नज़र आ रहा है कि पुलिसकर्मी उस शख्स को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं. आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई, लोग तमाशा देखते रहे, लेकिन कोई भी बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया.
पुलिस अधिकारी बोले - "जांच होगी"
वीडियो वायरल होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. जब इस बारे में डीसीपी ट्रैफिक सैय्यद अरीब अहमद से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. वीडियो की जाँच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी कौन हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि जाँच के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या पुलिस को कानून हाथ में लेने का अधिकार है? चालान काटना एक कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन उसके बाद किसी नागरिक के साथ सरेआम मारपीट करना कहाँ का न्याय है? अब देखना यह होगा कि इस मामले में 'जांच के बाद कार्रवाई' होती है या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.
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