जयपुर, 17 मई(हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की सरकारी सेवाओं में पदोन्नति में विशेष योग्यजन को आरक्षण देने के संबंध में महाधिवक्ता को अदालत में अपना पक्ष रखने को कहा है। अदालत ने महाधिवक्ता को कहा है कि वे पदोन्नति में विशेष योग्यजन को आरक्षण देने का प्रावधान कब से लागू किया जाए, इस बिंदु को तय करने में अदालत का सहयोग करें। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश मनोज कुमार शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि विशेष योग्यजन अधिकार अधिनियम, 2016 में लागू हुआ था। वहीं वर्ष 2018 में इसके नियम बनाए गए थे। इनमें दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया था। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 जून, 2016 को आदेश पारित कर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को दिव्यांगों को पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान करने को कहा था। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने विशेष योग्यजन अधिकार अधिनियम में वर्ष 2021 में संशोधन कर विशेष योग्यजन कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने जून, 2016 में ऐसे कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का आदेश दिया था। इसलिए इस प्रावधान को भी वर्ष 2021 से लागू करने के बजाए जून, 2016 से ही लागू किया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि यह महत्वपूर्ण बिंदु से जुड़ा प्रकरण है। ऐसे में महाधिवक्ता इस संबंध में अपना पक्ष रखें।