नई दिल्ली। अगर आप बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के जरिए निवेश करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। आपको जल्द ही एफडी पर ज्यादा ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है। दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और लघु वित्त बैंकों के लिए ‘3 करोड़ रुपये या उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा’ के रूप में बल्क की परिभाषा को संशोधित करने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बल्क डिपॉजिट की सीमा को आखिरी बार 2019 में 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया गया था।
अधिक ब्याज कैसे प्राप्त करें?
RBI द्वारा घोषित प्रस्ताव के अनुसार, अब 3 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक सावधि जमा को बल्क डिपॉजिट माना जाएगा। वर्तमान में, 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक एफडी को बल्क एफडी माना जाता है। इसका नुकसान यह है कि बल्क एफडी पर रिटेल एफडी की तुलना में कम ब्याज मिलता है। ऐसे में बल्क डिपॉजिट की सीमा बढ़ाने के बाद एफडी निवेशक अधिक पैसे की एफडी कराकर अधिक ब्याज कमा सकते हैं।
ब्याज दर कैसे तय की जाती है?
फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर तय करना पूरी तरह से बैंकों पर निर्भर करता है। यही वजह है कि ज्यादातर बैंकों में FD पर ब्याज दर भी अलग-अलग होती है। यह फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि और निवेशक की उम्र पर निर्भर करता है। बैंक आमतौर पर अपनी ज़रूरतों और एसेट-लायबिलिटी मैनेजमेंट (ALM) के हिसाब से डिपॉजिट पर अलग-अलग ब्याज दरें देते हैं।
बैंक एफडी के लाभ
- फिक्स्ड डिपॉजिट में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
- इसमें मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता।
- एफडी पर ब्याज सामान्य बचत खातों की तुलना में अधिक है।
- आपको एफडी पर लोन लेने की सुविधा भी मिलती है।