एक ओर जहां पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी की सफल मेजबानी के लिए अपनी पीठ थपथपा रहा है, वहीं दूसरी ओर उसकी खराब स्थिति को लेकर अफवाहें उड़ रही हैं। चैंपियंस ट्रॉफी समाप्त होने के बाद पीसीबी ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाया है। पीसीबी ने घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी कटौती की है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आगामी राष्ट्रीय टी-20 चैंपियनशिप में क्रिकेटरों की मैच फीस एक लाख रुपये प्रति मैच से घटाकर 10,000 रुपये प्रति मैच कर दी है। रिजर्व खिलाड़ियों को प्रति मैच 5,000 रुपये मिलेंगे। यह टूर्नामेंट 14 मार्च से शुरू हो रहा है। इतना ही नहीं, बोर्ड घरेलू क्रिकेट के विकास पर खर्च कम करने पर भी विचार कर रहा है। मैच फीस में कटौती से खिलाड़ियों की चिंता बढ़ गई है।
पीसीबी के घरेलू क्रिकेट प्रमुख अब्दुल्ला खुर्रम नियाज़ी खिलाड़ियों की सुविधाओं में कटौती कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पहले खिलाड़ियों को पांच सितारा और चार सितारा होटलों में ठहराया जाता था, लेकिन अब उन्हें सस्ते होटलों की पेशकश की जा रही है। हवाई यात्रा भी कम कर दी गई है और शुल्क भी कम कर दिया गया है।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि खिलाड़ियों और अंपायरों को पिछले सत्र का बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। पीसीबी ने पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों के लिए वार्षिक पेंशन वृद्धि भी लागू नहीं की है। जो कि बोर्ड की नीति के तहत आवश्यक है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले लाहौर, कराची और रावलपिंडी के क्रिकेट स्टेडियमों के उन्नयन पर लगभग 1.8 अरब रुपये खर्च किए हैं।
विडंबना यह है कि जहां खिलाड़ियों की मैच फीस कम की जा रही है, वहीं पीसीबी अधिकारियों को लाखों रुपए मासिक वेतन मिल रहा है। पीसीबी के चयनकर्ताओं और टीम मेंटरों को मोटी रकम मिलती है। मेंटर मिस्बाह-उल-हक, वकार यूनिस, शोएब मलिक, सरफराज अहमद और सकलैन मुश्ताक को 2 साल के अनुबंध पर लगभग 50 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता है।