मुरादाबाद, 17 जुलाई (हि.स.)। नगर निगम मुरादाबाद ने लीज की शर्तों के उल्लंघन पर सिविल लाइंस स्थित मसीही समाज के टाइटस स्कूल व उसकी आवासीय कॉलोनी की निरस्त की गई लीज के बाद रविवार को पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया था और मंगलवार को वहां पर अपना बोर्ड भी लगा दिया। यह कार्रवाई जिले के पांच पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर हुई है। इन अफसरों में मुरादाबाद के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गुलाब चंद, अपर नगर आयुक्त (प्रथम) अतुल कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर अखिलेश भदौरिया, एसडीएम सदर जितेंद्र और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी पारुल तरार शामिल थी।
मसीही समाज के टाइटस स्कूल व उसकी आवासीय कॉलोनी की लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने तीन दिन पहले 13 जुलाई को टाइटस स्कूल व उसकी आवासीय कॉलोनी की लीज को निरस्त कर दिया था। इसके बाद नगर निगम की टीम रविवार को टाइटस स्कूल व उसके आवासीय परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। मंगलवार को नगर निगम ने अपना बोर्ड लगा दिया है। वहां रहने वाले लोगों को आवास खाली करने के लिए दो माह का अल्टीमेटम दिया गया है, जिसे लेकर टाइटस स्कूल के कैंपस में रहने वाले लोग काफी डरे सहमे हैं। मुरादाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने सपा जिला अध्यक्ष व सपा पदाधिकारियों के साथ टाइटस स्कूल और वहां बनी आवासीय परिसर में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उनको आश्वासन दिया कि इस लड़ाई में वह उनके साथ हैं। इसके लिए वह आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगी।
अल्पसंख्यक आयोग भी टाइटस स्कूल की भूमि को कब्जे में लेने की दे चुका हैं संस्तुति
मुरादाबाद के सिविल लाइंस स्थित टाइटस स्कूल का मामला अल्पसंख्यक आयोग में भी पहुंचा था। इस मामले में सुरजीत कुमार की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने जिलाधिकारी को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने जिला स्तर पर पांच अधिकारियों की टीम से कराई गई जांच रिपोर्ट आयोग को एक अप्रैल 2024 को भेज दी थी। इसके बाद आयोग के सदस्य नवेंदु सिंह इजिकेल ने 16 मई 2024 को डीएम को पत्र भेज कर संबंधित भूमि पर चल रही अवैध व्यावसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकने, भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर टाइटस हाईस्कूल प्रबंधन व मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के साथ स्कूल परिसर व हॉस्टल आदि की भूमि को नगर निगम द्वारा कब्जे में लेने की संस्तुति की थी।