महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत के बाद मिलीभगत कर मिटाए सबूत, डॉक्टरों के मोबाइल लोकेशन की जांच की जा रही है.

01 10 2024 12 9410554

कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी कुछ जूनियर व सीनियर डॉक्टरों की भूमिका की जांच सीबीआइ कर रही है। जांचकर्ताओं के मुताबिक, 9 अगस्त की घटना के बाद सबूत मिटाने में संगठित अपराध की तस्वीर साफ होती जा रही है.

अधिकारियों ने 8 अगस्त की रात ड्यूटी पर तैनात जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के मोबाइल कॉल डिटेल और टावर लोकेशन की जांच की है. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे कब, कहां थे और फोन के जरिए किसके संपर्क में थे। पता चला है कि घटना के बाद सेमिनार हॉल में कुछ डॉक्टर मौजूद थे. वे शवों के आसपास से नमूने एकत्र करने और पोस्टमार्टम की निगरानी में शामिल थे। इस बारे में कुछ सीनियर और जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की गयी है.

जूनियर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम पर संतुष्टि जताई थी

सूत्रों के मुताबिक, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पांच जूनियर डॉक्टर खुद पीड़िता के पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहना चाहते थे, जिसकी अस्पताल प्रशासन ने इजाजत दे दी. पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने कोई आपत्ति नहीं जताई और संतुष्टि जताई. दस्तावेज़ पर पाँच डॉक्टरों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

सीबीआई ने संदीप घोष को फिर से हिरासत में लेने की याचिका वापस ले ली

सीबीआई ने सोमवार को संदीप घोष को रिमांड पर लेने की अपनी याचिका वापस ले ली। सियालदह कोर्ट में सीबीआई की विशेष अदालत में संदीप घोष और ताला थाना के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल की वर्चुअल तरीके से पेशी हुई. जज ने सीबीआई से सवाल किया कि अगर संदीप से जेल में पूछताछ हो सकती है तो फिर उसे हिरासत में लेने की जरूरत क्यों है. इस सवाल के बाद सीबीआई ने अपनी याचिका वापस ले ली. जज ने आश्वासन दिया कि अगर सीबीआई जेल जाकर पूछताछ करना चाहती है तो कोर्ट उसकी अनुमति पर विचार करेगी. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान कुछ अहम तथ्य मिले हैं.