मुंबई-अहमदाबाद के बाद बुलेट ट्रेन के लिए नए रूट पर काम शुरू; जानें कहां बनेंगे स्टेशन?

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दिल्ली से पटना सिर्फ़ 4 घंटे में, नया बुलेट ट्रेन रूट: वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली से पटना की दूरी सिर्फ़ 4 घंटे में पूरी हो जाएगी। दिल्ली से हावड़ा का सफ़र सिर्फ़ साढ़े छह घंटे का होगा। यह मुमकिन होगा इस रूट पर बुलेट ट्रेन चलने के बाद। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अंतिम चरण में पहुँचने के बाद, केंद्र सरकार ने इस नए रूट पर काम शुरू कर दिया है।

बुलेट ट्रेन तीन राज्यों को जोड़ेगी, रूट पर 9 मुख्य स्टेशन दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन के रूट पर 9 मुख्य स्टेशन होंगे जो उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल के प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। दिल्ली के अलावा बुलेट ट्रेन का आगरा कैंट, कानपुर सेंट्रल, अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी, पटना, आसनसोल और हावड़ा में स्टॉपेज होगा, यानी यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के 5 शहरों, बिहार के 1 शहर और पश्चिम बंगाल के 2 शहरों से होकर गुजरेगी। हर स्टेशन पर आधुनिक हब बनाए जाएंगे, जिसमें मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, डिजिटल टिकटिंग, ऑटोमेटेड सिक्योरिटी सिस्टम और ग्रीन बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होगा।

दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना में पटना 


के लिए एक विशेष योजना है। शहर में बुलेट ट्रेन के लिए 60 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा, ताकि पटना में बुलेट ट्रेन सफलतापूर्वक चल सके, वहीं लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी और पर्यावरण पर इसका प्रभाव भी कम होगा। इस परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से वाराणसी तक काम होगा। उसके बाद दूसरे चरण के तहत वाराणसी से हावड़ा तक काम होगा। इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 5 लाख करोड़ रुपये होगी। मुंबई-अहमदाबाद परियोजना की तरह दिल्ली-हावड़ा परियोजना को भी जापानी तकनीक और निवेश की मदद से पूरा किया जा सकता है।

दिल्ली से हावड़ा बुलेट ट्रेन के लाभ:


दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना न केवल तेज़ परिवहन प्रदान कर सकती है, बल्कि आर्थिक विकास का इंजन भी साबित हो सकती है। यह परियोजना बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए पर्यटन और निवेश के नए रास्ते खोलेगी। इसके अलावा, पटना, वाराणसी और आसनसोल जैसे शहरों में बुलेट ट्रेन स्टेशनों के आसपास औद्योगिक क्लस्टर विकसित हो सकते हैं। 

इलाज के लिए दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता आने-जाने में समय की बचत होगी। यात्री अयोध्या, वाराणसी और पटना जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों तक जल्दी पहुँच सकेंगे। सर्वेक्षण पूरा होने और परियोजना के योजना के अनुसार आगे बढ़ने के साथ, उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह ट्रेन दिल्ली, पटना और हावड़ा के बीच यात्रा का सबसे पसंदीदा साधन बन जाएगी।

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