कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के महाकुंभ पर दिए गए बयान को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रयागराज में संगम में आस्था की डुबकी लगाई। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि गांधी परिवार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाएगा।
खरगे के बयान से उठा विवाद
एक रैली के दौरान खरगे ने सवाल किया था, “क्या गंगा में स्नान करने से देश की गरीबी मिट सकती है?” हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी और यह टिप्पणी भाजपा की आलोचना के संदर्भ में थी। बावजूद इसके, उनके इस बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
कांग्रेस नेताओं ने दिखाया अलग रुख
खरगे के बयान के बाद भी कई कांग्रेस नेताओं ने महाकुंभ में आस्था जताई। INDIA गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव सबसे पहले संगम में स्नान करने पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, उनके बेटे, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कुंभ में स्नान के लिए पहुंचे।
इन नेताओं ने यह संदेश देने की कोशिश की कि हिंदू आस्था से जुड़े आयोजनों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। खासतौर पर अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान कांग्रेस द्वारा दूरी बनाए रखने के फैसले के बाद पार्टी अब ऐसी गलतियों को दोहराने के मूड में नहीं दिख रही है।
क्या गांधी परिवार भी लगाएगा संगम में डुबकी?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या गांधी परिवार भी महाकुंभ में स्नान के लिए जाएगा? कांग्रेस के भीतर इस पर चुप्पी साधी गई है। हालांकि, 2001 में सोनिया गांधी को संगम में स्नान करते हुए देखा गया था, जब भाजपा उनके धर्म और पहचान को लेकर सवाल उठाती थी।
इंदिरा गांधी के हिंदू आस्था में विश्वास का जिक्र करते हुए सूत्र बताते हैं कि वह हमेशा रुद्राक्ष धारण करती थीं। ऐसे में कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी नजर बनी हुई है।