जामनगर के बाद जूनागढ़ में भी चला दादा का बुलडोजर, इस इलाके में मंदिर, मस्जिद तोड़े गए

इस समय राज्य सरकार अवैध निर्माण हटाने के लिए एक्शन में है, कच्छ, जामनगर के बाद जूनागढ़ में भी अवैध निर्माण हटाने के लिए तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है।

राज्य सरकार अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए तत्परता से काम कर रही है. जामनगर, कच्छ और जूनागढ़ में धार्मिक स्थलों सहित कुछ दबाव हटा दिए गए हैं। जामनगर, कच्छ के बाद जूनागढ़ में पुलिस ने तोड़फोड़ की है. मझेवड़ी में देर रात अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला दिया गया। जूनागढ़ में सुबह होने से पहले ही दो मंदिरों और एक मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर ढहा दिया गया. जूनागढ़ में 800 से अधिक पुलिसकर्मियों की लोहे की बैरिकेडिंग के बीच तोड़फोड़ की गई। जूनागढ़ में देर रात दो बजे तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई. तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए जूनागढ़ शहर, जिले और जिले के बाहर की पुलिस की मदद ली गई. नगर निगम और राजस्व विभाग के दस्तावेजों की पूरी जांच के बाद ही तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। विध्वंस प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने के लिए सुरक्षा बलों की दो टुकड़ियों को पहले से ही तैयार रखा गया था।

उधर, जामनगर में भी तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई, यहां जामनगर के पास बेदी में कुख्यात साइचा बंधु के 2 बंगलों पर बुलडोजर ने पलटवार किया, सरकारी जमीन पर अवैध दबाव बनाकर खड़े बंगले तोड़ दिए गए.  

कच्छ के खावड़ा में तीन अवैध मदरसों पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई. यहां इन तीन मदरसों को ध्वस्त कर दिया गया. खावड़ा में एक अवैध मदरसे पर फिर बुलडोजर चला और सरकारी जमीन पर बने तीन मदरसों को ढहा दिया गया. यह बुलडोजर कार्रवाई कुरन गांव के जामकुनारिया में की गई है. कच्छ के अलावा जामनगर और द्वारका में भी दबाव राहत के उपाय किये गये हैं. सरकार का नाम समुद्री बेल्ट पर दबाव हटाना है. खास बात है कि कल जामनगर में बुलडोजर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया. सर्वे और नक्शों का अध्ययन करने के बाद इन सभी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा रही है. गुजरात पुलिस की इस समय खूब तारीफ भी हो रही है. सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को नहीं छोड़ना सरकार की नीति है.