झारखंड समाचार: पेड़ के जीवाश्म अवशेष मिलने के बाद बहस शुरू, आखिर क्या है खजाने का राज?

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भूगर्भशास्त्रियों को झारखंड में एक अनोखा ‘खजाना’ मिला है, जो 1.45 अरब साल पुराना बताया जा रहा है। भूविज्ञानी डॉ. इसकी जानकारी वन विभाग के वन संरक्षक रंजीत कुमार सिंह व वन रेंजर रामचंद्र पासवान ने दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पाकुड़ जिले के बरमसिया गांव में एक महत्वपूर्ण खोज हुई। यहां एक जीवाश्म पाया गया है। टीम ने एक विशाल वृक्ष के जीवाश्म अवशेषों की पहचान की।

 

झारखंड के भूगर्भशास्त्रियों के लिए अच्छी खबर

झारखंड के भूवैज्ञानिकों के लिए अच्छी खबर है। यहां वैज्ञानिकों को 145 मिलियन वर्ष पुराना ‘खजाना’ मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार, उनकी टीम ने बर्मासिया गांव में एक विशाल वृक्ष के जीवाश्म अवशेषों की पहचान की है। इससे बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। यह खोज न केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी गर्व की बात है क्योंकि इससे क्षेत्र की प्राचीन प्राकृतिक विरासत का पता चलता है। इससे जैविक इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है। डॉ। सिंह ने कहा कि जीवाश्म की सही आयु और उसके पर्यावरणीय संदर्भ को समझने के लिए इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को संरक्षित किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस महत्वपूर्ण विरासत का अध्ययन और सराहना कर सकें।