बीएड के बाद की बीएससी, हाईकोर्ट ने शिक्षक पद पर नियुक्ति के दिए आदेश

जयपुर, 8 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2017, लेवल-2 में उस अभ्यर्थी को नियुक्ति देने को कहा है, जिसने बीएड करने के बाद बीएससी की थी। अदालत ने कहा कि मामले में बीएससी की डिग्री के आधार पर तैयार की गई मेरिट के आधार पर अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जाए। वहीं उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को दी गई नियुक्ति की तिथि से याचिकाकर्ता को परिलाभ दिए जाए। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता नियुक्त होने के बाद नियमित वेतन सहित अन्य परिलाभ लेने का अधिकारी रहेगा। जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश कुमार सैनी याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकार्का ने वर्ष 2011 में बीए करने के बाद वर्ष 2013 में बीएड किया था। वहीं उसने वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक ओपीजेएस विश्वविद्यालय से बीएससी उत्तीर्ण की। याचिका में कहा गया कि उसने वर्ष 2015 की रीट परीक्षा में शामिल होकर 75 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए। इसके बाद 11 सितंबर, 2017 को निकाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल-2 में शामिल होकर कट ऑफ में आ गया। इसके बावजूद भी उसकी बीएससी के अंकों को शामिल नहीं किया और उसे नियुक्ति नहीं दी। दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि याचिकाकर्ता की बीएड की डिग्री से पहले की गई बीए की डिग्री के अंकों को जोडा जा सकता है, न कि बीएड के बाद की गई बीएससी की डिग्री के अंकों को। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने बीएड के बाद की गई बीएससी की डिग्री के अंकों के आधार पर मेरिट में आने पर याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने को कहा है।