एडमिशन के नियम बदले: अब एडमिशन के समय बच्चों का आधार कार्ड और बैंक खाता स्कूल में जमा करना होगा। साथ ही स्कूल में नामांकित जिन बच्चों के पास आधार कार्ड या बैंक खाता नहीं होगा, वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे। आपको बता दें कि जिले के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12 तक के बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों में नामांकित बच्चों के आधार कार्ड कैंप लगाकर बनाए जाएंगे।
इसलिए जरूरी है आधार
जिला शिक्षा कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक माह में जिले के 16 हजार 134 बच्चों के आधार कार्ड बनाए गए। सिर्फ बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए जिले में 46 केंद्रों का चयन किया गया है। इनमें से 27 केंद्रों पर आधार कार्ड बनाने व सुधार का काम चल रहा है। जिले के प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र बनाने का लक्ष्य है। दरअसल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना भी अनिवार्य है। मालूम हो कि एमआईएस पोर्टल पर बच्चों का डाटा अपलोड करते समय सभी बच्चों का आधार कार्ड व बैंक खाता पूरी जानकारी के साथ अपलोड करना होता है।
नया आधार कार्ड निशुल्क बनाया जा रहा है
आपको बता दें कि जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है, उनका आधार कार्ड निशुल्क बनाया जा रहा है. वहीं, जिनके पास आधार कार्ड है लेकिन उसमें कुछ गलती है तो अभिभावकों को कार्ड सही कराने के लिए 50 से 100 रुपये का शुल्क खर्च करना होगा. जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि आधार कार्ड बनाने के लिए संचालक द्वारा अभिभावकों से पैसे लेने की शिकायतें आ रही हैं. ऐसे में संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को कहा गया है कि वे अपनी निगरानी में बच्चों का आधार बनवाएं और अगर पैसे की मांग की जाती है तो इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करें.
सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
आधार और बैंक खाते की सारी जानकारी अपलोड करने के बाद किसी भी योजना की राशि सीधे बच्चों के बैंक खाते में पहुंच जाएगी। इस तरह बच्चों को साइकिल, पोशाक, नैपकिन और छात्रवृत्ति योजना समेत सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सकेगा। यही वजह है कि अब स्कूल में दाखिले के समय बच्चों को अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक, फोटो समेत अन्य जानकारी देनी होगी।