अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मोगा चारू मीता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (जबता फौजदारी संघ 1973 की धारा 144) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मोगा में कुछ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए। ये आदेश 31 अक्टूबर 2024 तक लागू रहेंगे.
सतलुज नदी से रेत और मिट्टी निकालने पर रोक
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिला मोगा के धर्मकोट उपमंडल में सतलुज नदी और आसपास के गांवों में नियमों के खिलाफ असामाजिक तत्वों द्वारा रेत और मिट्टी की अवैध निकासी की जा रही है।
ऐसा करने से जहां नदी के बांधों और पुलों को खतरा है, वहीं जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. इसलिए सतलुज नदी के अंदर और बाहर सभी गांवों के क्षेत्र में सरकार द्वारा स्वीकृत खड्डों के अलावा रेत और मिट्टी निकालने के लिए जेसीबी मशीनें, पॉपलाइन मशीनें, ट्रक और ट्रॉलियां इस्तेमाल की जा रही हैं मीटर के दायरे पर रोक लगा दी गई है. यह आदेश शासन द्वारा खेतों से मिट्टी हटाने हेतु जारी किये गये निर्देशों पर लागू नहीं होगा।
बिना रिफ्लेक्टर वाले वाहन चलाने पर रोक
इसी प्रकार, साइकिल, रिक्शा, ट्रैक्टर-ट्रॉली, रिक्शा और ऐसे अन्य वाहन जिनमें आगे और पीछे की लाइटें नहीं हैं, ऐसे वाहनों को बिना लाल रिफ्लेक्टर, आंखों के चश्मे या किसी अन्य चमकीले टेप के चलाने पर प्रतिबंध है। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे वाहन अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं, इससे जहां जान-माल की क्षति होती है, वहीं आम जनता में अशांति फैलने की भी आशंका रहती है. इसलिए वे अपने पीछे लाल रिफ्लेक्टर या कोई चश्मा या चमकीला टेप लगवाए बिना नहीं चलेंगे।
मुख्य राजमार्गों और लिंक सड़कों पर मवेशियों को चराना भी प्रतिबंधित है
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने मुख्य राजमार्ग सड़कों और संपर्क मार्गों पर मवेशी चराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि ये जानवर सड़कों के आसपास चरते हुए यातायात को बाधित करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है. इसके साथ ही इन जानवरों से वन विभाग की संपत्ति और किसानों की फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है और सड़कों पर गंदगी भी पाई जाती है.
पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक
जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, नारेबाजी करने, बिना पूर्व अनुमति के धार्मिक जुलूस निकालने और उपदेश देने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि केवल विशेष परिस्थितियों या अवसरों पर प्रबंधन के लिखित अनुरोध पर संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट से लिखित मंजूरी लेने के बाद सार्वजनिक बैठकें और धार्मिक जुलूस बिना अनुमति के निकाले जा सकते हैं। यह आदेश पुलिस/सेना, सैन्यकर्मी, ड्यूटी पर तैनात किसी सरकारी कर्मचारी, शवयात्रा, विवाह आदि पर लागू नहीं होगा।
मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों का नोटिस दर्ज कराने का आदेश
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि मकान मालिक व नौकर अपने घरों में जिन किरायेदारों को रखते हैं, उनकी सूचना जिले के संबंधित थाने में नहीं दी जाती है. इसलिए बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए जिले के सभी मकान मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने घरों में रहने वाले किरायेदारों और घरेलू नौकरों की जानकारी अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं और उनका पंजीकरण भी सुनिश्चित करें. ऐसा न करने पर मकान मालिक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।