अजमेर का माहौल खराब करने वालों पर प्रशासन व सरकार बरते सख्ती

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अजमेर, 3 दिसम्बर(हि.स)। सनातन धर्म रक्षा संघ अजमयमेरु राजस्थान की ओर से जिला प्रशासन को आग्रह किया गया है कि अजमेर के सौहार्द पूर्ण वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाए। उन्होंने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से अजमेर के दरगाह ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर होने के संबंध में अजमेर की सिविल अदालत द्वारा दायर वाद स्वीकार किए जाने के बाद जिस तरह की बयान बाजी हो रही है वह अजमेर का सौहार्द पूर्ण वातावरण खराब करने की और इंगित कर रही है।

धर्म रक्षा संघ ने कहा कि सभी को न्याय मांगने का अधिकार है। न्यायालय का कार्य न्याय पूर्ण तरीके से ही हल होगा। उन्होंने कहा कि हमने अजमेर के पूर्व में अश्लील छायाचित्र ब्लैक मेल काण्ड भी अजमेर में देखा है। कन्हैया टेलर प्रकरण उदयपुर में देखा है। यह सरकार व प्रशासन को स्पष्ट करना होगा कि सभी पक्षों को मर्यादा का पालन करना चाहिए। अदालत में वाद प्रतिवाद होते हैं उसका निर्णय और हल भी उसी के अनुसार आएगा। किसी को भी निचले स्तर पर ऐसी बयानबाजी करने से बचना चाहिए जिससे अजमेर का माहौल खराब ना हो। निकट भविष्य में ही अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का उर्स भरने वाला है। उसे देखते हुए सभी को सावधान और सचेत हो जाना चाहिए जिससे यहां की शांति और सौहार्द कायम रहे।

महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दावा- दरगाह में था हिंदू मंदिर, कोर्ट में दस्तावेजों के साथ पेश करेंगे याचिका

अजमेर। महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने दावा किया है कि अजमेर की प्रसिद्ध दरगाह में हिंदू मंदिर था। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही कोर्ट में आवश्यक दस्तावेजोश के सा​थ वाद दायर करेंगे। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें कहा है कि वे अजमेर की कोर्ट में सोमवार को वाद प्रस्तुत करते, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर सुरक्षा एजेंसियों ने जाने से रोक दिया। परमार ने कहा कि वे निश्चित तौर पर अजमेर के कोर्ट में जाएंगे, लेकिन फिलहाल महाराणा प्रताप सेना के प्रदेश अध्यक्ष उदय लाल बंजारा वाद पेश करेंगे।

महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमार ने सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में कहा कि अजमेर की दरगाह नहीं, बल्कि पवित्र हिंदू मंदिर है।क्षइस मुद्दे पर महाराणा प्रताप सेना कई वर्षों से प्रयास करती आई है। 7800 किलोमीटर जनजागरण यात्राएं भी की है।