संसद के बजट सत्र के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण पर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी से सियासी विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे एक आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान बताया और सोनिया गांधी से माफी की मांग की है। इसके जवाब में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भाजपा पर ही हमला बोलते हुए कहा कि माफी की मांग करने वालों को पहले ‘देश को डुबोने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में कहा, “मेरी मां 70-80 साल की महिला हैं, उन्होंने बस यह कहा कि ‘राष्ट्रपति ने इतना लंबा भाषण पढ़ा कि वह थक गई होंगी, बेचारी’… वह (भारत के राष्ट्रपति) का पूरा सम्मान करती हैं। मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की बातों को मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। दोनों सम्मानित लोग हैं और हमसे उम्र में बड़े हैं… उनका कोई अपमान करने का इरादा नहीं था।” जब उनसे भाजपा की माफी की मांग पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “जिस खाई में देश को डुबोया है, पहले उसके लिए माफी मांगें वे लोग।”
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण के बाद कहा था कि वह अंत तक थक गई थीं और मुश्किल से बोल पा रही थीं। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने इस मामले को उठाते हुए माफी की मांग की है।
कांग्रेस के लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के स्वास्थ्य के प्रति सोनिया गांधी जी की सहानुभूति भाजपा को पच नहीं रही है। भारत के हर नागरिक के मन में राष्ट्रपति के प्रति सम्मान और सहानुभूति है।” उन्होंने भाजपा से यह भी सवाल किया, “क्या वे राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति उस अनादर का जवाब देंगे, जब उन्हें संसद भवन या अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया? मैं उन्हें इस सवाल का जवाब देने की चुनौती देता हूं।”