रीवा, 11 मार्च (हि.स.)। अपर मुख्य सचिव स्मिता घाटे भारद्वाज ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में रीवा तथा शहडोल संभाग में गेंहू उपार्जन एवं खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि किसानों से अच्छी गुणवत्ता का गेंहू ही खरीदा जाय। सरकार द्वारा गेंहू पर 125 रुपये का बोनस घोषित किया गया है। अब गेंहू 2400 रुपये प्रति Ïक्वटल की दर से खरीदा जायेगा। किसानों की पंजीयन की तिथि भी 16 मार्च तक बढ़ा दी गयी है। अत: प्रयास कर अधिक से अधिक किसानों का पंजीयन कराएं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष रीवा और शहडोल संभाग में उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन तथा गेंहू के रकबे दोनों में कमी आई है। लेकिन समर्थन मूल्य के बढ़ाये जाने तथा पंजीयन की तिथि में वृद्धि से किसानों की पंजीयन की संख्या बढ़ाई जा सकती है। सभी कलेक्टर पंजीकृत किसानों द्वारा दर्ज गेंहू के रकबे का शत-प्रतिशत सत्यापन करा लें।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पंजीकृत किसानों से केवल अच्छी गुणवत्ता के गेंहू का ही उपार्जन करें। यदि किसी समिति ने निर्धारित एफएक्यू से गुणवत्ताहीन गेंहू का उपार्जन किया तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करें। उपार्जन केन्द्रों में पंखा, छन्ना, ग्रेडर मशीन तथा मास्चर मीटर होना अनिवार्य है तथा उपार्जन के लिए आने वाले गेंहू में मास्चर का प्रतिशत 12 से 14 के मध्य होना चाहिए। मास्चर के परीक्षण के लिए अनुभावी व्यक्ति सर्वेयर के रूप में नियुक्त होंगे। प्रत्येक खरीदी केन्द्र में उपार्जन के प्रावधानों तथा समिति के कार्यों एवं किसानों की जिम्मेदारी बताने वाले फ्लैक्स अनिवार्य रूप से लगाएं तथा भण्डार एवं रख-रखाव में अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश केन्द्र सरकार को गेंहू प्रदाय करने वाला प्रमुख राज्य है अत: उपार्जित गेंहू की क्वालिटी में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाय। उन्होंने उपार्जन से पूर्व सभी तैयारियां पूरी करने तथा केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों को निर्देश देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिले के बाहर से आने वाले अथवा व्यापारियों के गेंहू का किसी भी स्थिति में उपार्जन नहीं होगा। जिन जिलों की सीमा अन्य राज्यों से जुड़ी है वहाँ जाँच नाके लगाकर गेंहू के परिवहन की कड़ी निगरानी करें। गेंहू परिवहन पर निगरानी के लिए उड़नदस्ते भी तैयार करें। उपार्जन के लिए गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र प्राथमिकता से बनाएं तथा केन्द्र में निर्देशानुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायें। उपार्जन में जिन समितियों और स्वसहायता समूहों ने लापरवाही बरती है उन्हें गेंहू उपार्जन से पृथक करें। उपार्जन के संबंध में राजस्व विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले तथा किसानों को जागरूक करें।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न का भण्डारण कराएं तथा शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करें। कोई भी पात्र राशन कार्डधारी खाद्यान्न से वंचित न रहे। कलेक्टर सहित सभी राजस्व अधिकारी उचित मूल्य दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। खाद्य सुरक्षा योजना के हितग्राहियों के मोबाइल नम्बर की सीडिंग तथा ई केवाईसी शत-प्रतिशत करें। समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अन्तर्गत पीव्हीटीजी परिवारों की जानकारी तथा मोबाइल एप्प से दुकानों के निरीक्षण की भी जिलेवार जानकारी प्राप्त की गयी।
बैठक में रीवा तथा शहडोल संभाग के कमिश्नर गोपालचन्द्र डाड ने उपार्जन के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए कहा कि पंजीकृत किसानों का सत्यापन कराया गया। उन्होंने भण्डारण, परिवहन, किसानों को राशि भुगतान के साथ-साथ उपार्जन व उपार्जन केन्द्र के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। कमिश्नर कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. सौरभ सोनवणे, अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी, उपायुक्त डीएस सिंह सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।