नई दिल्ली, 15 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि आदेश में कोई त्रुटि नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को अडानी-हिंडनबर्ग मामले की एसआईटी या सीबीआई से जांच की मांग खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सेबी की जांच को लेकर संदेह करने का कोई कारण नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट नियामक संस्था सेबी के कामकाज में दखल नहीं दे सकता है। कोर्ट ने सेबी से बाकी दो मामलों की जांच तीन महीने में करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की जांच को वेरिफाई किए बिना उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार भारतीय निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के सुझावों पर विचार करे। कोर्ट ने केंद्र और सेबी से कहा था कि वो हिंडनबर्ग रिपोर्ट में शॉर्ट सेलिंग के आरोपों की जांच कर यह पता लगाए कि किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा था कि प्रेस की इंवेस्टिगेटिव खबरों या किसी संगठन की रिपोर्ट को सेबी के लिए भरोसेमंद साक्ष्य के रूप में नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि जनहित याचिका का उद्भव आम नागरिकों की समस्याओं के लिए किया गया था, लेकिन गैर भरोसेमंद खबर को आधार नहीं बनाया जाना चाहिए।