बीते शुक्रवार शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, और इस उथल-पुथल का असर अडानी समूह के शेयरों पर भी पड़ा। समूह की सीमेंट कंपनी सांघी इंडस्ट्रीज के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, यह शेयर 7% से ज्यादा गिरकर 63 रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले 52 हफ्तों का निचला स्तर है। दिन के अंत में यह 6.25% टूटकर 63.35 रुपये पर बंद हुआ। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस साल जनवरी में इस शेयर ने 152 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ था।
गिरावट का सिलसिला जारी
सांघी इंडस्ट्रीज के शेयर लगातार गिरावट का सामना कर रहे हैं। हालिया गिरावट की शुरुआत कंपनी के विलय से जुड़ी खबरों के बाद हुई। अडानी समूह ने इस सप्ताह मंगलवार को घोषणा की थी कि वह हाल में अधिग्रहीत सांघी इंडस्ट्रीज और पेन्ना सीमेंट को अंबुजा सीमेंट में विलय करेगा। यह कदम समूह के सीमेंट कारोबार को एकीकृत करने और इसे मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है।
अंबुजा सीमेंट ने इस विलय के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संगठनात्मक संरचना को सरल बनाएगा और बेहतर शासन सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान करेगा।
समूह की रणनीतिक मजबूती
इस कदम से अडानी समूह के सीमेंट कारोबार को बड़ी मजबूती मिलने की उम्मीद है। अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी की सीमेंट इकाई अधिग्रहीत कंपनियों की संयुक्त क्षमताओं का लाभ उठाकर बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की तैयारी कर रही है। यह कदम आदित्य बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के सामने समूह की पकड़ मजबूत करेगा।
शेयरहोल्डिंग पैटर्न
सांघी इंडस्ट्रीज में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 75% है, जबकि पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 25% हिस्सेदारी है। सितंबर तिमाही में, रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 24.5% रही, जो जून तिमाही के स्तर के समान है।
निवेशकों के लिए संदेश
सांघी इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट एक अस्थायी झटका हो सकता है। हालांकि, अडानी समूह का हालिया विलय और कारोबार के समेकन की रणनीति, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए संभावित रूप से लाभकारी साबित हो सकती है।