भारत में एविएशन सेक्टर पर अडानी ग्रुप की नजर: एयर वर्क्स का होगा अधिग्रहण

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भारत में तेजी से बढ़ते एविएशन सेक्टर पर अब अडानी ग्रुप ने बड़ा कदम उठाया है।
ग्रुप ने पहले से ही देश के कई एयरपोर्ट्स का संचालन अपने अधीन कर लिया है और अब इस क्षेत्र में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशंस (MRO) से जुड़ी कंपनी एयर वर्क्स का अधिग्रहण करने की घोषणा की है।
इस अधिग्रहण के लिए अडानी समूह ₹400 करोड़ खर्च करेगा।

अडानी ग्रुप का बयान

अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने इस अधिग्रहण पर एक बयान जारी किया:

  • 85.8% हिस्सेदारी:
    • कंपनी ने एयर वर्क्स में 85.8% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • कंपनी की उपस्थिति:
    • एयर वर्क्स का नेटवर्क 35 शहरों में फैला हुआ है।
    • इसके पास 1,300 से अधिक कर्मचारी हैं।
  • विशेषज्ञता:
    • कंपनी फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग विमानों की सर्विसिंग में माहिर है।
  • स्थापना:
    • एयर वर्क्स की स्थापना 1951 में मेनन परिवार द्वारा की गई थी।

एयर वर्क्स: ग्राहक और सेवाएं

एयर वर्क्स देश की कई प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को सेवाएं देती है:

  • ग्राहक:
    • इंडिगो, गो एयर, विस्तारा, और अन्य दर्जनों घरेलू और विदेशी एयरलाइंस।
  • डिफेंस सेक्टर:
    • कंपनी भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के 737 वीवीआईपी फ्लीट को भी सेवा प्रदान करती है।
  • संचालन:
    • एयर वर्क्स के एमआरओ ऑपरेशन देश के कई हिस्सों में फैले हुए हैं।

चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा

हाल के समय में एयर वर्क्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है:

  • प्रमुख प्रतिस्पर्धी:
    • जीएमआर एयरो टेक्निक और एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड जैसी कंपनियां प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं।
  • मालिकाना हिस्सेदारी:
    • 2021 तक:
      • जीटीआई कैपिटल ग्रुप: 25.75%।
      • पुंज लॉयड एविएशन: 23.24%।
      • मेनन परिवार: 15%।

अडानी ग्रुप और एविएशन सेक्टर

अडानी ग्रुप पहले से ही देश के 7 प्रमुख एयरपोर्ट्स का संचालन कर रहा है।

  • एयर वर्क्स का अधिग्रहण समूह की एविएशन इंडस्ट्री में गहरी पैठ बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
  • MRO सेक्टर में कदम रखने से अडानी ग्रुप को सिविल और डिफेंस एविएशन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में मदद मिलेगी।

अधिग्रहण का महत्व

एयर वर्क्स का अधिग्रहण अडानी ग्रुप के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे भारत के तेजी से बढ़ते एविएशन सेक्टर में और मजबूत करेगा।

  • ₹400 करोड़ का निवेश न केवल ग्रुप की एमआरओ क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि इसे प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त भी दिलाएगा।
  • इसके साथ, अडानी ग्रुप देश के एविएशन और डिफेंस सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

एयर वर्क्स फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग विमानों की सर्विसिंग में माहिर है।