बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म ‘कणप्पा’ इन दिनों जबरदस्त सुर्खियों में है। इस पौराणिक ड्रामा फिल्म में तेलुगू एक्टर विष्णु मांचु और प्रभास मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे, जबकि रघु बाबू भी एक अहम किरदार निभाते दिखेंगे।
हाल ही में फिल्म के प्रमोशनल इवेंट के दौरान रघु बाबू ने एक ऐसा बयान दे दिया, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उनके बयान को लेकर कई लोगों ने मजाक उड़ाया, तो कुछ ने इसे फिल्म का अजीबोगरीब प्रमोशनल स्टंट करार दिया।
रघु बाबू का विवादित बयान: “अगर किसी ने ‘कणप्पा’ को ट्रोल किया, तो…”
तेलुगू न्यूज़ पोर्टल तेलुगू 360 की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमोशनल इवेंट के दौरान रघु बाबू ने कहा:
“अगर किसी ने ‘कणप्पा’ को ट्रोल किया, तो उसे भगवान शिव के श्राप का प्रकोप झेलना पड़ेगा।”
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर मजेदार प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने इस तरह की मार्केटिंग रणनीति पर सवाल उठाए, तो कुछ ने इसे हास्यास्पद बताया।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन: लोगों ने उड़ाया मजाक
रघु बाबू के इस बयान को लेकर इंस्टाग्राम से लेकर रेड्डिट तक मीम्स और मजाकिया कमेंट्स की बौछार हो गई।
एक यूजर ने लिखा:
“डर और धर्म हमेशा इस देश में काम कर जाते हैं। अब नर्क जाने और गर्म तेल में तले जाने का इंतजार नहीं कर सकता, क्योंकि मैंने जरूरत से ज्यादा पाप किए हैं।”
एक और फॉलोअर का तंज:
“आखिर ये कौन सी मार्केटिंग टेक्निक है? हे भगवान!”
एक शिव भक्त ने मजाक में कहा:
“भगवान शिव के पास इतना समय नहीं है कि वे हर ट्रोल करने वाले को श्राप दें!”
दूसरे यूजर ने ‘आदिपुरुष’ से तुलना करते हुए लिखा:
“दूसरे शब्दों में, वह (रघु बाबू) यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि एक और ‘आदिपुरुष’ आने वाली है!”
‘कणप्पा’ की कहानी क्या होगी?
फिल्म ‘कणप्पा’ भगवान शिव के एक अनन्य भक्त की कहानी पर आधारित है। इसे मुकेश कुमार सिंह निर्देशित कर रहे हैं, जिन्होंने कई पौराणिक और ऐतिहासिक प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।
फिल्म की घोषणा के समय से ही यह चर्चा में बनी हुई है, और अब रघु बाबू के विवादित बयान ने इसे और ज्यादा सुर्खियों में ला दिया है।
क्या यह फिल्म ‘आदिपुरुष’ जैसी विवादों में फंस सकती है?
‘कणप्पा’ की तुलना पहले से ही ‘आदिपुरुष’ से की जा रही है, जो अपनी खराब स्क्रिप्ट और डायलॉग्स के कारण भारी आलोचना का शिकार हुई थी।
रघु बाबू के बयान के बाद अब लोग संशय में हैं कि कहीं ‘कणप्पा’ भी उसी राह पर तो नहीं जा रही?