Action Against Illegal E-Rickshaw: अवैध ई-रिक्शा पर यूपी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पहले ही दिन जब्त हुए 915 ई-रिक्शा, 3035 चालान

अवैध ई-रिक्शा पर यूपी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पहले ही दिन जब्त हुए 915 ई-रिक्शा, 3035 चालान
अवैध ई-रिक्शा पर यूपी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पहले ही दिन जब्त हुए 915 ई-रिक्शा, 3035 चालान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ योगी सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंगलवार से पूरे प्रदेश में एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई, जो कि 30 अप्रैल तक चलेगा। इस अभियान के पहले ही दिन प्रशासन ने 915 ई-रिक्शा जब्त किए और 3035 चालान काटे, जो सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

पहले दिन की बड़ी कार्रवाई

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि अभियान की शुरुआत से पहले परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने सभी पुलिस आयुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए थे।

  • अभियान की शुरुआत: मंगलवार, 2 अप्रैल 2025
  • पहले दिन की कार्रवाई:
    • 915 ई-रिक्शा जब्त
    • 3035 चालान जारी

परिवहन आयुक्त ने यह भी बताया कि अभियान की मुख्यालय स्तर से निगरानी की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी क्षेत्र इस कार्रवाई से अछूता न रह जाए।

कहां-कहां हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई?

इस विशेष अभियान के पहले दिन विभिन्न संभागों में की गई कार्रवाई का ब्योरा कुछ इस प्रकार है:

संभाग जब्त ई-रिक्शा की संख्या
गाजियाबाद 381
आगरा 363
लखनऊ 200
झांसी 199
सहारनपुर 171
मिर्जापुर 165
वाराणसी 164
प्रयागराज 136

इस जानकारी को अभियान के नोडल अधिकारी, अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह ने साझा किया।

क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?

प्रदेश में अवैध ई-रिक्शा और ऑटो ना केवल ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं बल्कि यातायात सुरक्षा और आम जनता की जानमाल के लिए भी खतरा बनते हैं। कई ऐसे वाहन हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस या फिटनेस सर्टिफिकेट के चलाए जा रहे हैं, जिससे:

  • सड़क हादसों का खतरा बढ़ता है
  • अधिक भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम होता है
  • वैध वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान होता है

सरकार का ये कदम इन समस्याओं को नियंत्रित करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।

क्या है आगे की योजना?

  • अभियान 30 अप्रैल 2025 तक चलेगा
  • पूरे प्रदेश में इसकी नियमित निगरानी की जाएगी
  • मुख्यालय से हर दिन समीक्षा की जाएगी
  • ज़रूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन और यातायात पुलिस को और संसाधन दिए जाएंगे