सहरसा,19 अप्रैल (हि.स.)।जिले के सोनवर्षा राज अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अखिलेश कुमार द्वारा डीएलएड करवाने के नाम पर बनमा ईटहरी प्रखंड के पहलाम निवासी मिथिलेश भगत के पुत्र शिवम कुमार से 1 लाख 20 हज़ार रुपये लेकर जाली सर्टिफिकेट डाक से भेज दिया गया। जब रुपये वापस करने के लिए दवाब बनाया तो लैब टेक्नेशियन ने उल्टे बनमा ईटहरी थाना में आवेदन देकर छात्र शिवम कुमार एवं उसके रिश्तेदारों पर पांच लाख रूपये रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है,जिसका खुलासा पीड़ित छात्र ने भी बनमा ईटहरी थाना में आवेदन देकर मामले का खुलासा किया है। हालांकि दोनो मामलों की पुलिस के द्वारा गहन जांच पड़ताल की जा रही है। जिसके बाद उचित कार्यवाई किए जाने की भरोसा दिया है।
रंगदारी मांगने के आरोपी बनाये गये युवक बनमा ईटहरी थाना क्षेत्र के पहलाम गांव निवासी मिथलेश भगत के पुत्र शिवम कुमार ने पुलिस को आवेदन देकर किया है। बताया कि उसकी मां सीमा कुमारी कस्तूरबा विद्यालय में वार्डेन थी। उसी विद्यालय में लैब टेक्नीशियन अखिलेश कुमार की पत्नी रूपम कुमारी शिक्षिका के पद पर थी। इसी दौरान अखिलेश कुमार से मेरी जान पहचान हुई। इसके बाद अखिलेश मुझसे डीएलएड करवाने के नाम पर कुल एक लाख 20 हजार रुपए लिया जो कि मेरी मां के एकाउंट ट्रांसफर कर तथा नकदी भी दी थी।
बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के शर्मा चौक निवासी जगदीश पंडित के पुत्र अखिलेश कुमार के द्वारा मुझसे सभी रूपये लेने के बावजूद कॉलेज में पैसा जमा नहीं किया गया। जिस कारण मुझे प्रमाण पत्र नहीं मिला। इसके बाद अखिलेश से मैंने पैसा मांगने लगा।तब वे करीब चार वर्ष से टरकाते रहा। जब पैसा वापस करने का दवाब बनाया तो वे फर्जी सार्टिफिकेट सोनवर्षाराज से पोस्ट आफिस से मेरे घर डाक द्वारा रजिस्ट्री कर दिया गया। इधर मालूम हो कि सोनवर्षाराज पीएचसी में लैब टैक्नीशियन के पद पर काम कर रहे स्टाफ अखिलेश कुमार ने दो अंजान मोबाइल नंबर बताते हुए पहलाम निवासी शिवम कुमार पर पांच लाख रुपए रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए बनमा ईटहरी थाना में आवेदन दिया है। इस बावत थानाध्यक्ष ज्योतिष कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा दोनो आवेदन की जांच पड़ताल की जा रही है। फर्जी प्रमाण पत्र साबित होने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।