बीमित कार से दुर्घटना साबित नहीं, कोर्ट ने 1.17 करोड रुपए का क्लेम खारिज किया

जयपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने बीमित कार से दुर्घटना साबित नहीं होने पर दी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ दायर 1.17 करोड रुपए का क्लेम खारिज कर दिया। अदालत ने पुष्पा सैनी व अन्य की याचिका खारिज करते हुए कहा कि परिवादी पक्ष यह साबित करने में फेल रहा है कि 16 मार्च 2019 को विपक्षी लखन सिंह ने कार को उपेक्षा व लापरवाही से चलाकर एक्सीडेंट किया और उससे विजेन्द्र कुमार की मृत्यु हुई। याचिका मेें कहा था कि महवा से टोडाभीम आते हुए विजेन्द्र कुमार सैनी की मोटरसाइकिल को विपक्षी कार चालक ने लापरवाही से टक्कर मारी थी। इस एक्सीडेंट में आई गंभीर चोटों के कारण 17 मार्च 2019 को विजेन्द्र सैनी की इलाज के दौरान मौत हुई। इसका विरोध करते हुए बीमा कंपनी के वकील ने कहा कि परिवादी ने फर्जी तरीके से क्लेम लेने के लिए बीमित वाहन को एक्सीडेंट में शामिल किया है।

पुलिस अधिकारी व लोक सूचना अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार यह दुर्घटना दो मोटरसाइकिलों के आपस में टकराने से हुई थी। दुर्घटना में बीमित कार की कोई भूमिका नहीं थी। इसके अलावा परिवादी ने एमएलसी रिपोर्ट पेश नहीं की है, जिससे एफआईआर के तथ्यों का सत्यापन नहीं होता। ऐसे में बीमा कंपनी कोई भी क्षतिपूर्ति के लिए जवाबदेह नहीं है। इसलिए क्लेम याचिका खारिज की जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है।