टी20 क्रिकेट की अनिश्चितता में, जहां बल्लेबाज को अक्सर असफलताओं का सामना करना पड़ता है, अभिषेक शर्मा ने बहुत पहले ही यह सीख ली थी कि सफलता के लिए आत्मविश्वास और निडरता से खेलना आवश्यक है। पंजाब के 24 वर्षीय इस बल्लेबाज ने 2024 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में बेहतरीन प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाई और एक साल के भीतर ही अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे। उनका टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला शतक (46 गेंद) भारत के लिए इस प्रारूप में तीसरा सबसे तेज शतक था, जबकि उनका दूसरा शतक (37 गेंद) सबसे छोटे प्रारूप में दूसरा सबसे तेज शतक बन गया। इसके अलावा, उन्होंने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में 28 गेंदों में शतक बनाकर नया भारतीय रिकॉर्ड भी बनाया।
युवराज सिंह का मार्गदर्शन
अभिषेक के खेल में युवराज सिंह की झलक साफ दिखाई देती है, जो इस युवा क्रिकेटर के मार्गदर्शक भी रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 54 गेंद पर 135 रन बनाने के बाद अभिषेक ने युवराज का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “अभ्यास के दौरान मेरा फोकस स्पष्ट था। युवी पाजी ने तीन या चार साल पहले ये बातें मेरे दिमाग में डाल दी थीं।”
युवराज का विश्वास
अभिषेक ने कहा, “युवराज मुझ पर विश्वास करते हैं। जब कोई आपके बारे में ऐसा कहता है, तो आप यह सोचते हैं कि मैं देश के लिए खेलूंगा।” उन्होंने कहा, “मैं जो कुछ भी हूं, वह युवराज की वजह से हूं।”
टीम प्रबंधन का समर्थन
अभिषेक ने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन ने उन्हें हर संभव प्रयास करने और असफलताओं की चिंता न करने का जो आत्मविश्वास दिया है, उससे उन्हें मदद मिली है। “जब कप्तान और कोच आपसे कहते हैं कि आपको अपना स्वाभाविक खेल बरकरार रखना है, तो यह एक युवा खिलाड़ी के लिए बड़ी प्रेरणा होती है,” उन्होंने कहा।
छह छक्कों के रिकॉर्ड पर विचार
जब अभिषेक से युवराज के एक ओवर में छह छक्कों के रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में यह रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है।” उन्होंने बताया कि, “जब आप अपने स्वाभाविक खेल को खेलते हैं, तो यह अपनी रणनीति के हिसाब से होता है। मैंने युवराज से भी पूछा था और वह भी छह छक्के लगाने की सोच के साथ मैदान पर नहीं उतरे थे, लेकिन एक निश्चित मानसिकता से खेलते समय ऐसा हो जाता है।”
अभिषेक शर्मा की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि यह भी कि कैसे मार्गदर्शन और समर्थन उन्हें अपने खेल में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद करता है।