आआपा सरकार ने विधानसभा को मजाक बना कर रख दिया: विजेंद्र गुप्ता

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नई दिल्ली, 2 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा को मजाक बनाकर रख दिया है। बिना तैयारी के सरकार ने विधानसभा का सत्र बुला लिया और उसमें किसी भी जनहित के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। तीन दिन के सत्र की घोषणा के बावजूद 29 नवंबर को सत्र के पहले दिन कार्यवाही को चंद घंटों में ही समेट दिया गया और एक दिन चली कार्यवाही में सिर्फ केंद्र सरकार की आलोचना को ही कार्यवाही का हिस्सा बनाया गया।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने बुलेटिन जारी कर कहा था कि विधानसभा का यह अंतिम सत्र तीन दिन यानी 29 नवंबर, 1 दिसंबर और 2 दिसंबर तक चलेगा लेकिन अचानक 29 नवंबर की शाम 4 बजे ही सदन को स्थगित कर दिया गया। न तो प्रश्नकाल रखा गया, न ही अल्पकालिक चर्चा और ध्यानाकर्षण का प्रावधान किया गया।

गुप्ता ने कहा कि सरकार ने संशोधित बजट अनुमान को गृह मंत्रालय से मंजूरी लेने के लिए गृह मंत्रालय को भेजा हुआ है, जिसके चलते ही दो दिसंबर को सत्र नहीं बुलाया गया।

गुप्ता ने सवाल किया कि यदि सरकार को ‘संशोधित बजट अनुमान’ मंजूर करवाना था तो इससे पहले ही गृह मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए था लेकिन सरकार ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और बिना तैयारी के ही औपचारिकता पूरी करने के लिए सत्र बुला लिया गया।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद सरकार कैग की पेंडिंग 14 रिपोर्ट्स को सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है। जनता के पैसे को खर्च किये जाने का ब्यौरा सरकार सार्वजनिक नहीं करना चाहती है। सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री जनहित के मुद्दों पर चर्चा करवाने को तैयार नहीं होते हैं। सरकार अपनी तानाशाही से और मनमानी से सदन को चलाना चाहती है और लोगों की समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं है।

उन्होंने कहा विपक्ष सदन में केजरीवाल के शीश महल पर चर्चा करना चाहता है तो उसे मार्शलों द्वारा सदन से बाहर करवा दिया जाता है । विपक्ष के सवालों से बचने के लिए नियम 280 के अंतर्गत सवाल पूछने का प्रावधान ही खत्म कर दिया गया।

गुप्ता ने कहा है कि सभी संवैधानिक मर्यादाओं को आआपा सरकार ने तार-तार कर दिया है जबकि शराब घोटाला, शिक्षा घोटाला और स्वास्थ्य घोटाले जैसे आरोपों से घिरी इस सरकार को अपनी असफलता स्वीकार कर लेनी चाहिए थी। गुप्ता ने कहा कि अब इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है और आने वाले विधानसभा चुनाव में चंद दिन ही बाकी हैं। दिल्ली की जनता इस सरकार को भ्रष्टाचार का सबक सिखाकर इतिहास के पन्नों में समेटकर रख देगी।