दिल्ली में हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। करीब एक दशक पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली यह पार्टी, जो दिल्ली की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखती थी, अब सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेता अपनी सीटें नहीं बचा सके।
इस हार के बाद, पंजाब में भी AAP के टूटने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच, पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक, योगेंद्र यादव, ने भी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी पार्टी के जीते हुए विधायक टूट सकते हैं और इसके अस्तित्व पर संकट मंडरा सकता है।
AAP के भविष्य पर योगेंद्र यादव की आशंका
प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के सह-संस्थापक, योगेंद्र यादव, ने एक इंटरव्यू में कहा कि AAP की हार सिर्फ एक चुनावी झटका नहीं है, बल्कि यह उसके अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
उन्होंने कहा:
“जिस पार्टी के पास 40% से ज्यादा वोट हो, 22 विधायक हों, वह तुरंत खत्म नहीं होती। लेकिन आम आदमी पार्टी जिस तरह से पूरी तरह चुनावों और अरविंद केजरीवाल पर निर्भर है, उसे देखते हुए भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। बीजेपी की ताकत और उसकी रणनीति को देखते हुए, AAP के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।”
योगेंद्र यादव ने यह भी कहा कि AAP की असली परीक्षा पंजाब में होगी। अगर वहां भी पार्टी हारती है, तो उसके पास बचने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।
क्या पंजाब में भी हार सकती है AAP?
योगेंद्र यादव का मानना है कि AAP का अस्तित्व अब पूरी तरह पंजाब पर टिका है।
उन्होंने कहा:
“गुजरात में कोई राह नहीं, हरियाणा में कोई खास प्रदर्शन नहीं हुआ। अब AAP का भविष्य सिर्फ पंजाब पर निर्भर है। लेकिन वहां भी हालात अच्छे नहीं दिख रहे।”
- साल 2022 में AAP ने पंजाब में सरकार बनाई थी, लेकिन वहां की गवर्नेंस को लेकर जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
- पंजाब के वोटर जल्दी फैसले लेते हैं, अगर सरकार को लेकर असंतोष बढ़ा तो अगली बार वे बदलाव कर सकते हैं।
- अगर AAP पंजाब भी हार गई, तो पार्टी का अस्तित्व खतरे में आ सकता है।
क्या AAP के विधायक भी टूट सकते हैं?
योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिशें हो सकती हैं।
उन्होंने कहा:
“आने वाले महीनों में संवैधानिक या असंवैधानिक तरीके अपनाकर AAP के 20-25 विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जाएगी, इसमें कोई संदेह नहीं।”
- AAP में अब वैचारिक रूप से बंधे नेता नहीं बचे हैं।
- पार्टी में जो नेता और विधायक हैं, अगर उन पर दबाव या प्रलोभन डाला गया, तो उनके टूटने की संभावना है।
- योगेंद्र यादव ने साफ कहा कि केजरीवाल के लिए विधायकों को बचाना एक बड़ी चुनौती होगी।