
हिंदू संस्कृति में जब भी कोई नया काम शुरू करना होता है—जैसे शादी, खरीदारी, यात्रा या कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय—तो सबसे पहले पंचांग देखा जाता है। पंचांग एक तरह का वैदिक कैलेंडर है जो तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय-सूर्यास्त, चंद्रमा की स्थिति और राहुकाल जैसी जानकारियाँ देता है।
आज का पंचांग बताता है कि कौन-सा समय शुभ है और कब कार्यों से बचना चाहिए। तो आइए जानते हैं आज 13 अप्रैल 2025 का सम्पूर्ण पंचांग।
आज का दिन और पंचांग विवरण
- वार: रविवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- माह और पक्ष: वैशाख मास, कृष्ण पक्ष
- तिथि: प्रतिपदा तिथि
- सूर्योदय: सुबह 6:01 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:38 बजे
- चंद्र राशि: सुबह 7:39 बजे तक कन्या, फिर तुला
- चंद्र नक्षत्र: रात 9:10 बजे तक चित्रा, फिर स्वाति
- योग: हर्षण योग (रात 9:39 बजे तक), तत्पश्चात वज्र योग
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से 12:25 बजे तक
- राहुकाल: शाम 5:02 बजे से 6:37 बजे तक
- भद्रा: नहीं है
- पंचक: नहीं है
- त्योहार: खालसा जयंती
दुष्टमुहूर्त और दिशा शूल
- दुष्टमुहूर्त: प्रतिपदा तिथि में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। अतः आज शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त विशेष का ध्यान रखें।
- दिशा शूल: रविवार को दिशा शूल पश्चिम दिशा में होता है। यदि इस दिशा में यात्रा करनी हो, तो पान खाकर और चौघड़िया देखकर निकलें।
आज के चौघड़िया मुहूर्त (दिन और रात)
दिन के चौघड़िया (6:01 AM से 6:38 PM तक)
मुहूर्त | समय | शुभता |
---|---|---|
चर | सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक | कार्य आरंभ हेतु सामान्य |
लाभ | सुबह 9:10 से 10:42 बजे तक | लाभकारी |
अमृत | सुबह 10:42 से 12:19 बजे तक | सर्वोत्तम |
शुभ | दोपहर 1:54 से 3:28 बजे तक | उत्तम |
रात्रि के चौघड़िया (6:38 PM से अगली सुबह 6:01 AM तक)
मुहूर्त | समय | शुभता |
---|---|---|
शुभ | शाम 6:01 से 8:03 बजे तक | उत्तम |
अमृत | रात 8:03 से 9:29 बजे तक | सर्वोत्तम |
चर | रात 9:29 से 10:53 बजे तक | सामान्य |
लाभ | रात 1:43 से 3:06 बजे तक | लाभकारी |
शुभ | सुबह 4:34 से 6:01 बजे तक | उत्तम |
क्यों ज़रूरी है पंचांग देखना?
पंचांग सिर्फ एक तिथियों का सारांश नहीं होता—यह ब्रह्मांडीय गणनाओं पर आधारित एक विस्तृत प्रणाली है जो यह तय करती है कि कौन-सा समय कार्य के लिए अनुकूल है। यह नक्षत्रों, ग्रहों और दिशाओं के प्रभाव को ध्यान में रखता है। इसलिए यदि आप जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं तो पंचांग के अनुसार ही कार्य करना श्रेष्ठ रहता है।
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