बीएमजे क्वालिटी एंड सेफ्टी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पता चला है कि अस्पताल में भर्ती 14 मरीजों में से एक ने बीमारी की समीक्षा में गलती की होगी

03 10 2024 7 9411283

आईएएनएस: एक अध्ययन में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले 14 मरीजों में से एक के मामले में नैदानिक ​​​​त्रुटि का संदेह है। यह अध्ययन बीएमजे क्वालिटी एंड सेफ्टी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ऐसा कहा गया है कि इनमें से 85 प्रतिशत त्रुटियों को रोका जा सकता है। इसके लिए पर्यवेक्षण में सुधार के नये तरीकों की जरूरत पर बल दिया गया है. डायग्नोस्टिक त्रुटि किसी मरीज की स्वास्थ्य समस्याओं का सही समय पर सटीक निदान करने में विफलता है।

नैदानिक ​​त्रुटियों से जुड़े सबसे आम मामले हृदय विफलता, गुर्दे की विफलता, सेप्सिस, निमोनिया, श्वसन समस्याएं, मानसिक स्थिति, पेट दर्द और हाइपोक्सिमिया हैं। इस त्रुटि से होने वाली क्षति को मामूली, मध्यम, गंभीर और खतरनाक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। निदान संबंधी त्रुटियों से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। इनमें प्रवेश के बाद गहन देखभाल में स्थानांतरण, छुट्टी के बाद 90 दिनों के भीतर मृत्यु, कठिन निदान मुद्दे और कम जोखिम वाले रोगी मामले शामिल थे। यह भी पता लगाने का प्रयास किया गया कि किन कारणों से त्रुटियों को रोका जा सकता था। अध्ययन के लेखकों ने कहा कि इनमें से 85 प्रतिशत त्रुटियों को रोका जा सकता था। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि त्रुटियों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण और ऑपरेटिंग सिस्टम में एआई टूल को शामिल करने से निगरानी और शीघ्र हस्तक्षेप में सुधार करके मामलों को कम करने में मदद मिल सकती है।