लखनऊ-कानपुर हाईवे पर 30 करोड़ की लागत से बनेगा नया पुल, जाम और हादसों से मिलेगी राहत

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उत्तर प्रदेश में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर यातायात को सुगम बनाने के लिए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गदनखेड़ा चौराहा पर पहले से प्रस्तावित पुल के बाद अब दही चौकी तिराहा पर भी एक नया पुल बनाया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इस पहल से न केवल जाम की समस्या का समाधान होगा, बल्कि हादसों में भी कमी आएगी।

लखनऊ-कानपुर हाईवे पर यातायात की मौजूदा स्थिति

लखनऊ-कानपुर हाईवे पर यातायात का दबाव हर दिन बढ़ रहा है।

  • दूरी और समय:
    जाजमऊ से लखनऊ सीमा (सई नदी पुल) तक की 80 किलोमीटर की दूरी तय करने में फिलहाल तीन से चार घंटे लगते हैं।
  • प्रमुख जाम स्थल:
    गदनखेड़ा चौराहा और दही चौकी तिराहा, जहां ट्रैफिक जाम की समस्या आम है।

एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने इस समस्या को हल करने के लिए दही चौकी तिराहा पर पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।

पुल निर्माण की योजना: दही चौकी तिराहा पर खास पहल

  • डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर):
    पुल के निर्माण की डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी।
  • लागत:
    इस पुल की निर्माण लागत लगभग 30 करोड़ रुपये होगी।
  • लंबाई और डिज़ाइन:
    मौजूदा पुलों की लंबाई बढ़ाकर और नए स्पैन जोड़कर इसे उन्नत बनाया जाएगा।

पुल निर्माण के बाद क्या बदलेगा?

  1. जाम से राहत:
    दही चौकी तिराहा पर अक्सर लगने वाले जाम को पुल के निर्माण के बाद खत्म कर दिया जाएगा।
  2. बेहतर कनेक्टिविटी:
    • उन्नाव, पुरवा, और मोहनलालगंज मार्ग जाने वाले वाहन सर्विस रोड और अंडरपास से गुजर सकेंगे।
    • मुख्य हाईवे का यातायात बाधित नहीं होगा।
  3. हादसों में कमी:
    ट्रैफिक जाम कम होने से सड़क हादसों में कमी आएगी।

गदनखेड़ा चौराहे पर पुल की प्रगति

गदनखेड़ा चौराहे पर पहले से प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

  • यह चौराहा लखनऊ और कानपुर के बीच यातायात का प्रमुख केंद्र है।
  • गदनखेड़ा चौराहे पर पुल बनने के बाद अगला लक्ष्य दही चौकी तिराहा है।

अन्य महत्वपूर्ण पुलों की योजनाएं

एनएचएआई ने लखनऊ-कानपुर हाईवे (एनएच-27) पर कई और जगहों पर पुल बनाने की योजना बनाई है।

  1. नवाबगंज और आशाखेड़ा तिराहा:
    • नवाबगंज कस्बे में सीएचसी तिराहा और सोहरामऊ क्षेत्र के आशाखेड़ा में पुल बनाने के प्रस्ताव मुख्यालय भेजे गए हैं।
    • इन स्थानों पर पुल बनने से हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
  2. लखनऊ-कानपुर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे:
    • यह एक्सप्रेसवे (एनई-6) बनने के बाद भी एनएच-27 पर भारी वाहनों और अन्य यातायात का आवागमन जारी रहेगा।
    • इसे ध्यान में रखते हुए अन्य पुलों की योजनाएं बनाई गई हैं।

दही चौकी पुल का डिज़ाइन और विस्तार

दही चौकी तिराहा पर प्रस्तावित पुल को केंद्रीय विद्यालय के पास बने पुल से जोड़ा जाएगा।

  • लंबाई बढ़ेगी:
    मौजूदा पुल की लंबाई 600 मीटर बढ़ाई जाएगी।
  • स्मार्ट कनेक्टिविटी:
    पुल को पुरवा मोड़ से पॉवर हाउस और पॉलिटेक्निक तक जोड़ा जाएगा।

लखनऊ-कानपुर हाईवे की चुनौतियां और समाधान

  1. यातायात का भारी दबाव:
    लखनऊ और कानपुर के बीच हजारों वाहन प्रतिदिन यात्रा करते हैं।

    • समाधान: नए पुलों और अंडरपास का निर्माण।
  2. भारी वाहनों का आवागमन:
    हाईवे पर ट्रक और बसों की संख्या अधिक है, जिससे जाम की समस्या बढ़ती है।

    • समाधान: सर्विस रोड और स्पेशल लेन की योजना।
  3. हादसे और सुरक्षा:
    ट्रैफिक जाम और खराब कनेक्टिविटी के कारण हादसों की संख्या अधिक है।

    • समाधान: विस्तारित पुल और अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय।

परियोजना का प्रभाव: आर्थिक और सामाजिक लाभ

  1. यातायात सुगमता:
    पुल के बनने से लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा सुगम होगी।
  2. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा:
    बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और उद्योग को फायदा होगा।
  3. जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी:
    पुल के आस-पास के इलाकों में जमीनों की मांग तेजी से बढ़ेगी।