UP में बिछने वाला है 8 नए एक्सप्रेसवे का जाल, चित्रकूट से हरिद्वार तक अब आधे समय में पूरा होगा सफर
उत्तर प्रदेश की सड़कों का नक्शा पूरी तरह बदलने वाला है। प्रदेश, जो पहले से ही देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे होने का गौरव रखता है, अब 8 और नए हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे की तैयारी में जुट गया है। इन एक्सप्रेसवे का जाल बिछने के बाद यूपी के एक कोने से दूसरे कोने तक का सफर न सिर्फ आरामदायक और तेज होगा, बल्कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई पंख लगेंगे। चलिए जानते हैं कौन-से हैं वो 8 नए रास्ते जो UP की तरक्की की नई कहानी लिखेंगे।
जानिए कौन-से हैं वो 8 नए एक्सप्रेसवे जो बदल देंगे UP की तस्वीर
- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे (तीर्थयात्रियों के लिए सौगात)
यह 20 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे सीधे चित्रकूट धाम को बांदा और वाराणसी से जोड़ेगा। 2026 के अंत तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके बाद श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए चित्रकूट पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। - जालौन लिंक एक्सप्रेसवे (बुंदेलखंड की नई लाइफलाइन)
115 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे जालौन को सीधे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसे अभी 4-लेन का बनाया जाएगा, लेकिन भविष्य में इसे 6-लेन तक बढ़ाने की योजना है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। - विंध्य एक्सप्रेसवे (यूपी का सबसे लंबा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे)
यह यूपी का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट होगा। 320 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा। करीब 23,000 करोड़ रुपये के इस विशाल प्रोजेक्ट के अगले 2-3 सालों में पूरा होने की उम्मीद है। - विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे (दो बड़े एक्सप्रेसवे की कड़ी)
100 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे दो बड़े एक्सप्रेसवे—विंध्य और पूर्वांचल—को आपस में जोड़ेगा। यह चंदौली के पास विंध्य एक्सप्रेसवे को गाजीपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करेगा, जिससे एक बड़ा रूट नेटवर्क तैयार हो जाएगा। - मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे (आस्था का नया गलियारा)
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके बनने से मेरठ से हरिद्वार का सफर बेहद सुगम हो जाएगा, जिससे कांवड़ियों और श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। - चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे (यूपी-एमपी भाई-भाई)
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को सीधे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से जोड़ेगा। इसके बनने से दोनों राज्यों के बीच व्यापार और आवागमन में बड़ी तेजी आएगी। - जेवर लिंक एक्सप्रेसवे (एयरपोर्ट पहुंचने का सुपरफास्ट रास्ता)
यह एक्सप्रेसवे जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को यमुना एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख मार्गों से जोड़ेगा। इससे एयरपोर्ट तक पहुंचना जाम-मुक्त और बेहद तेज हो जाएगा। - आगरा-लखनऊ-गंगा लिंक एक्सप्रेसवे (कनेक्टिविटी को और मजबूती)
मौजूदा एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए आगरा, लखनऊ और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले लिंक रूट्स पर भी काम किया जा रहा है, जिसके लिए बड़ा बजट भी स्वीकृत हो चुका है।
सिर्फ सड़कें नहीं, तरक्की की नई राह
इन एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश सही मायनों में "एक्सप्रेसवे प्रदेश" कहलाएगा। इससे न सिर्फ सफर का समय और ईंधन बचेगा, बल्कि:
- औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
- छोटे शहरों और गांवों तक विकास पहुंचेगा।
- रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे।
- पर्यटन, खासकर धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।
- एक्सप्रेसवे के किनारे प्रॉपर्टी के दामों में जबरदस्त उछाल आएगा।
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