मलेशिया से आए बौद्ध भिक्षुओं के दल ने प्रदेश के विभिन्न बौद्ध तीर्थ स्थलों का किया भ्रमण

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लखनऊ, 3 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े कई विश्वविख्यात पर्यटन स्थल हैं। इन स्थलों पर विभिन्न देशों के बौद्ध अनुयायी वर्षपर्यन्त दर्शन के लिए आते रहते हैं। इसी क्रम में 29 नवम्बर से 02 दिसम्बर तक मलेशिया से पधारे एक बौद्ध अनुयायियों के दल ने आनन्द बौद्ध वृक्ष, जेतवन विहार, कच्ची और पक्की कुटी, महेथ, गोल्डन टेम्पल आदि स्थानों का भ्रमण किया। इसके अलावा कपिलवस्तु में पिपरहवा स्तूप, गनवरिया, कपिलवस्तु संग्रहालय, बुद्धा थीम पार्क को भी देखा। पर्यटन विभाग भगवान बुद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों को सजाने संवारने का निरन्तर कार्य कर रहा है। इसके साथ ही विदेशों में रोड शो एवं प्रचार-प्रसार करके बौद्ध भिक्षुओं को उ0प्र0 आने के लिए आमंत्रित भी कर रहा है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की पावन धरती भगवान बुद्ध की कर्मस्थली रही है। उन्होंने अपने उपदेश के लिए उत्तर प्रदेश काे चुना था और यहीं पर उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ था। इसलिए उत्तर प्रदेश बौद्ध धर्म के एक अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र के रूप में जाना जाता है। पर्यटन विभाग मिशन के तहत पूरे देश और दुनिया में बौद्ध स्थलों का प्रचार प्रसार कर रहा है। इसके साथ ही विभिन्न देशों के बौद्ध अनुयायियों, टूर ट्रवेल आपरेटर्स आदि को बुद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले स्थलों का भ्रमण कराया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि मलेशिया से आये हुए बौद्ध भिक्षुओं ने लखनऊ से श्रावस्ती के लिए प्रस्थान किया। इसके अलावा कुशीनगर में महापरिनिर्वाण स्तूप, सभागार स्तूप, मेडिटेशन पार्क, श्रीलंका बुद्धिष्ट टेम्पल आदि का भ्रमण किया। सारनाथ में धामेक स्तूप, चौखंडी स्तूप, मूलगंध कुटी विहार, बोधि वृक्ष, संग्रहालय को देखा। साथ ही भगवान शिव की नगरी काशी में विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती का दर्शन किया। अतिथियों ने क्रूज से गंगा भ्रमण का आनंद लिया। इसके अलावा काशी के आध्यात्मिक स्वरूप एवं प्राचीनता की विविधताओं से रूबरू हुए।