कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण बनाया था जिससे आप अपनी उंगलियों से कर सकते हैं फोन चार्ज

52e767f14fabfb2bd4724241c4b0b96e

कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया था जिससे आप अपनी उंगलियों से फोन चार्ज कर सकते हैं। इस डिवाइस को कैलिफोर्निया में बनाया गया था। सबसे खास बात यह है कि यह पसीने से बिजली पैदा करता है। इस डिवाइस की फिर से चर्चा हो रही है। आइए विस्तार से जानते हैं…

स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है। सारे काम एक टच से हो जाते हैं। चाहे बैंक का काम हो या कुछ और। लेकिन अगर हम कहें कि इसे टच करते ही फोन चार्ज होने लगेगा तो…ये पढ़कर आपको भी हैरानी हो रही होगी। लेकिन ये सच है। कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस बनाई थी, जिससे आप अपनी उंगलियों से फोन चार्ज कर सकते हैं। इस डिवाइस को कैलिफोर्निया में बनाया गया था। सबसे खास बात ये है कि ये पसीने से बिजली बनाती है। इस डिवाइस की फिर से चर्चा होने लगी है। आइए जानते हैं विस्तार से…

पसीने से बिजली बनेगी

इस डिवाइस को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक टीम ने विकसित किया है। उनके अनुसार, अगर आप सोते समय इस डिवाइस को पहनते हैं, तो यह पसीने से बिजली पैदा करेगा। उस बिजली का इस्तेमाल स्मार्टफोन या घड़ी को आसानी से चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। उनका कहना है कि अगर आप इसे अपनी उंगली पर करीब 10 घंटे तक पहनते हैं, तो यह आपके फोन को 24 घंटे तक चार्ज कर सकेगा।

इसे 3 सप्ताह तक पहनना आवश्यक है

लेकिन इससे फोन चार्ज करना इतना आसान नहीं है। रिसर्च टीम का कहना है कि इस स्ट्रिप को उंगली से जोड़ा जा सकता है। सोते समय नमी से बिजली पैदा होगी। इसे लगातार 3 हफ्ते पहनने के बाद इससे फोन चार्ज किया जा सकेगा। इस क्षमता को बढ़ाने पर अभी काम चल रहा है। 

ये कैसा दिखाई देता है?

यह डिवाइस बैंड-एड की तरह दिखती है। इसे उंगलियों पर चिपकाया जाता है। इसमें कार्बन फोम इलेक्ट्रोड की पैडिंग होती है, जो पसीने को सोख लेती है। इसे बिजली में बदल दिया जाता है। 

यह कैसे काम करता है

यह डिवाइस एक पतली, लचीली पट्टी है जिसे प्लास्टर की तरह उंगलियों पर लपेटा जा सकता है। कार्बन फोम इलेक्ट्रोड की एक गद्दी पसीने को सोख लेती है और उसे बिजली में बदल देती है। जब आपका हाथ पसीने से गीला होता है या पट्टी पर दबाव डाला जाता है, तो यह बिजली पैदा करती है। इसे आए 3 साल हो चुके हैं। अब देखना यह है कि इसे बाजार में कब लाया जाता है।