वक्फ अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा, बीएसएफ ने संभाला मोर्चा, अब तक 3 की मौत

वक्फ अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा, बीएसएफ ने संभाला मोर्चा, अब तक 3 की मौत
वक्फ अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा, बीएसएफ ने संभाला मोर्चा, अब तक 3 की मौत

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों के बीच हिंसा फैल गई है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह केंद्रीय बल तैनात किया गया है, जो राज्य पुलिस के साथ मिलकर स्थिति को संभाल रहे हैं।

बीएसएफ के आईजी साउथ बंगाल फ्रंटियर करणी सिंह शेखावत ने बताया कि बल राज्य पुलिस के सहयोग में काम कर रहा है और आवश्यकतानुसार और फोर्स भेजने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा, “हम स्वतंत्र कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि राज्य पुलिस के सहयोग हेतु यहां हैं। पुलिस ने मांग की, हमने फोर्स भेज दी। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी।”

कोर्ट का निर्देश और हालात का जायजा

शनिवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की विशेष पीठ ने मुर्शिदाबाद में हिंसा की गंभीरता को देखते हुए तुरंत केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें एक पिता और उसका बेटा भी शामिल हैं।

हिंसा की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने चिंता जताई है और हाई कोर्ट के हस्तक्षेप को उचित कदम बताया है। वहीं, हिंसा की घटनाओं के बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अनीश मुखर्जी ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले कई दिनों से व्यापक हिंसा हो रही है। हाई कोर्ट ने ममता सरकार और केंद्र सरकार दोनों से स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

हिंसा प्रभावित इलाकों में कड़ा सुरक्षा इंतजाम

बीएसएफ की तैनाती के साथ-साथ राज्य पुलिस भी मुर्शिदाबाद के संवेदनशील इलाकों में तैनात है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और फ्लैग मार्च किया। साथ ही स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए।

हालांकि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि हिंसा के समय प्रशासन ने उन्हें कोई सहायता नहीं दी और दंगाइयों ने उनके घरों में घुसकर जमकर लूटपाट की। उनका कहना है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

150 से ज्यादा गिरफ्तार, स्थिति पर नजर

पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने बताया कि स्थिति अब भी तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के सहयोग से हालात पर नजर रखी जा रही है और अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को 8 अप्रैल को लागू किया गया था। इसके विरोध में प्रदर्शन ने अचानक उग्र रूप ले लिया, जिससे हालात बिगड़ गए और राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बलों की सहायता लेनी पड़ी।

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