
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के संसद से पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गई हैं। जुमे की नमाज के बाद देश के विभिन्न राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध जताया, वहीं विपक्षी दलों ने इस अधिनियम को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया है। कोलकाता, कश्मीर, लखनऊ और मुंबई सहित कई शहरों में इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
वक्फ संशोधन अधिनियम विरोध, पीडीपी प्रदर्शन, आलिया विश्वविद्यालय रैली, लखनऊ प्रदर्शन, वारिस पठान हिरासत, AIMIM विरोध, मुस्लिम विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में छात्रों की रैली
कोलकाता स्थित आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ रैली निकाली। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर से मार्च शुरू किया और ‘सेवन पॉइंट क्रॉसिंग’ पर कुछ समय के लिए यातायात अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कानून वापस लेने की मांग की। एक छात्र ने कहा कि यह अधिनियम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के विपरीत एक समुदाय के खिलाफ भेदभाव है।
कश्मीर में पीडीपी का विरोध मार्च, पुलिस ने रोका
श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने वक्फ कानून के खिलाफ मार्च निकाला, जिसे पुलिस ने रोका। पीडीपी महासचिव खुर्शीद आलम के नेतृत्व में कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय से बाहर निकलकर शहर की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने गेट पर अवरोधक लगाकर उन्हें रोका। कार्यकर्ताओं ने “हम वक्फ विधेयक को अस्वीकार करते हैं” और “नेकां की चुप्पी आपराधिक है” जैसे तख्तियों के साथ विरोध जताया।
पीडीपी ने अधिनियम को रात के समय संसद में पारित किए जाने को लोकतंत्र के विरुद्ध बताया और नेकां की चुप्पी पर सवाल खड़े किए।
लखनऊ में मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद आसिफी मस्जिद में शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। उन्होंने वक्फ अधिनियम के साथ-साथ सऊदी अरब के मदीना में स्थित जन्नतुल बकी कब्रिस्तान को दोबारा बनाने की मांग भी उठाई।
कल्बे जवाद ने देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को खतरे में बताया और नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं पर धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
मुंबई में AIMIM नेताओं को हिरासत में लिया गया
महाराष्ट्र के मुंबई में बायकुला मस्जिद के पास वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान समेत कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
वारिस पठान ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है और जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कृषि कानूनों को निरस्त किया गया था, वैसे ही इस अधिनियम को भी वापस लेना चाहिए।
संसद से लेकर सड़क तक जारी विरोध
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के संसद में पारित होने से पहले और बाद में विपक्षी दलों ने लगातार इसका विरोध किया। लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर बहस हुई, लेकिन अंततः यह विधेयक दोनों सदनों से पारित होकर कानून बन चुका है। अब इसके विरोध में विभिन्न संगठन, धार्मिक नेता और राजनीतिक दल सड़कों पर उतर आए हैं।