
क्या आप मानते हैं कि नियमित हेल्थ चेकअप सेहत बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका है? न्यूट्रिशनिस्ट राशी चौधरी भी इसी बात पर जोर देती हैं। उनके अनुसार, शुरुआती जांच न केवल बीमारियों को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोकती है, बल्कि लंबे समय में अस्पतालों के भारी-भरकम खर्चों से भी बचाती है।
अपने एक वीडियो में उन्होंने चार ऐसे जरूरी टेस्ट के बारे में बताया है, जो हर भारतीय को समय-समय पर जरूर करवाने चाहिए। ये टेस्ट शरीर की अंदरूनी स्थितियों को समय रहते पहचानने में मदद करते हैं।
1. विटामिन डी टेस्ट
राशी के अनुसार, भारत में 70 से 90 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है, और महिलाएं इसकी अधिक शिकार होती हैं।
विटामिन डी केवल एक विटामिन नहीं, बल्कि एक हार्मोन की तरह काम करता है। यह इम्यूनिटी, फर्टिलिटी, मूड और वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कमी के लक्षण: हड्डियों में कमजोरी, थकावट, मानसिक भ्रम (ब्रेन फॉग), और तनाव।
- खास बात: अगर आप मेटफॉर्मिन, स्टैटिन या टैकिट जैसी दवाएं ले रहे हैं, तो यह विटामिन डी के स्तर को और तेज़ी से गिरा सकती हैं।
उपयुक्त स्तर: 60-70 ng/mL
कैसे लें सप्लीमेंट: सुबह खाली पेट, किसी फैट युक्त चीज़ के साथ लें। रात में न लें क्योंकि इससे नींद प्रभावित हो सकती है।
2. एचबीए1सी और फास्टिंग इंसुलिन टेस्ट
राशी बताती हैं कि भारत में लगभग 50 प्रतिशत लोगों को साइलेंट डायबिटीज है, यानी जिनके शरीर में डायबिटीज के लक्षण तो हैं, लेकिन वे इसके बारे में जानते नहीं।
अगर आपकी गर्दन पर काले धब्बे हैं, मीठा खाने की तलब बनी रहती है, या खाना खाने के तुरंत बाद स्नैक्स खाने की आदत है — तो यह संकेत हो सकते हैं।
- चौंकाने वाला आंकड़ा: भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या कुछ सालों में 70 मिलियन से बढ़कर 130 मिलियन हो चुकी है।
- प्रीडायबिटीज: इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए टेस्ट ही इसका एकमात्र समाधान है।
एचबीए1सी का उपयुक्त स्तर: 5.3 से कम
फास्टिंग इंसुलिन का उपयुक्त स्तर: 5 mIU/L से कम
जरूरी बदलाव: अगर आपके लेवल सामान्य से ऊपर हैं, तो अपने खानपान — विशेषकर चावल, रोटी, बाजरा, चाय-बिस्किट आदि — में बदलाव करें।
3. फैटी लिवर स्क्रीनिंग
अगर आपका पेट गोल और कड़ा महसूस होता है, तो यह केवल चर्बी नहीं, बल्कि फैटी लिवर का संकेत हो सकता है।
फैटी लिवर की समस्या अब सिर्फ अधिक वजन वालों तक सीमित नहीं रही — सामान्य वजन वाले लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
- विशेष संकेत: गर्दन के आसपास फैट जमा होना, सख्त पेट, और वजन न बढ़ने के बावजूद तोंद का बढ़ना।
- राशी का दावा: भारत अब नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की राजधानी बन चुका है।
किसे खतरा अधिक: पीसीओएस, इंसुलिन रेजिस्टेंस या डायबिटीज से पीड़ित लोगों को।
4. लिवर फंक्शन से जुड़े अन्य जरूरी टेस्ट
राशी चौधरी बताती हैं कि आपको अपने ALT, AST, और एल्बुमिन लेवल की जांच भी जरूर करवानी चाहिए।
अगर ये स्तर अधिक हैं, तो यह शरीर में सूजन की ओर इशारा कर सकते हैं।
- अल्ट्रासाउंड से भी मदद:
- 5% से कम फैट = हेल्दी लिवर
- 6–33% = ग्रेड 1 फैटी लिवर
- 34–66% = ग्रेड 2
- 66% से अधिक = ग्रेड 3 (गंभीर स्थिति)
सावधानी जरूरी: ग्रेड 3 का मतलब है गंभीर नुकसान, जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
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